थार नगरी बाड़मेर के सुहाने मौसम में महावीर नगर में जलदाय विभाग के पास एक भव्य कार्यक्रम में पद्मश्री मगराज जैन ( Magraj Jain ) स्मृति मार्ग का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर बाड़मेर नगर परिषद के सभापति दीपक माली मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। वहीं नेता प्रतिपक्ष पृथ्वीराज चाण्डक ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सभापति दीपक माली ने पद्मश्री मगराज जैन को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि बाड़मेर को नई दिशा और दशा देने में जैन साहब की महत्त्व भूमिका रही है। सभापति ने कहा कि जैन साहब के कार्य हमेशा से प्रेरणादायक रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जैन साहब ने अल्प संसाधनों के दौर में न केवल बाड़मेर की कला, संस्कृति को सहेजा, बल्कि देश और दुनिया को बाड़मेर की जीवंतता से रूबरू कराया था। उन्होंने जैन साहब के योगदान को याद करते हुए कहा कि समाज के कमजोर वर्ग को आर्थिक सुदृढ़ता और आत्मनिर्भरता दिलाने में उनका महत्वपूर्ण योगदान भुलाया नहीं जा सकता।
सभापति ने कहा कि आम तौर पर नगर परिषद के कार्यों में कई बार उन्हें विपक्ष का सहयोग नहीं मिलता, लेकिन जब उन्होंने पद्मश्री मगराज जैन स्मृति मार्ग का प्रस्ताव रखा, तो पक्ष और विपक्ष के सभी सदस्यों ने पूर्ण सहमति से इसे पारित कराया। माली ने कहा कि बाड़मेर नगर परिषद भविष्य में भी पद्मश्री मगराज जैन की स्मृतियों को संजोए रखने के लिए हरसंभव सहयोग करने का प्रयास करेगी।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष पृथ्वीराज चाण्डक ने कहा कि यह स्वर्गीय मगराज जैन की सोच और काबिलियत थी जिसके दम पर उन्हें बाड़मेर के प्रथम पद्मश्री होने का सम्मान मिला। चाण्डक ने कहा कि व्यक्तिगत तौर पर उन्हें भी इस बात का गर्व है कि उनके इलाके के एक व्यक्ति को देश का इतना बड़ा सम्मान मिला। चाण्डक ने कहा कि जैन साहब ने अपने कार्यों की बदौलत बाड़मेर को देश और दुनिया में गौरवान्वित करने का मौका दिया, इस बात के लिए हम सदैव उनके ऋणी रहेंगे।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद पद्मश्री अनवरखां बईया ने मगराज जैन साहब को याद करते हुए कहा कि आज वो जो कुछ भी हैं, वो जैन साहब की बदौलत है। बईया ने कहा कि अगर मगराज जैन साहब न होते, तो आज बाड़मेर के कलाकार उस स्थिति में नहीं होते जहां वे आज हैं। जैन साहब की तुलना महात्मा गांधी और डॉ. बी.आर. आंबेडकर से करते हुए बईया ने कहा कि वे इस सीमांत बाड़मेर जिले का कलेजा थे।
उन्होंने कहा कि हमें खुशी है कि आज उनके नाम के मार्ग का लोकार्पण किया जा रहा है, लेकिन हम चाहते हैं कि गांधी और आंबेडकर की तरह बाड़मेर में किसी चौराहे पर मगराज जैन साहब की प्रतिमा लगनी चाहिए। अंतरराष्ट्रीय लोक कलाकार फकीरा खां ने भी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मगराज जैन साहब को काव्य श्रद्धांजलि अर्पित की।
कार्यक्रम के समापन पर सभापति दीपक माली, नेता प्रतिपक्ष पृथ्वी चाण्डक, पदमश्री अनवरखां बईया, पार्षद प्रीतमदास जीनगर, जोधपुर से पधारे पार्षद मनीष लोढ़ा सहित सभी उपस्थित अतिथियों ने फीता काटकर पद्मश्री मगराज जैन स्मृति मार्ग का लोकार्पण किया। इस मौके पर स्वर्गीय मगराज जैन की धर्मपत्नी सुशीला जैन, उनके पुत्र आनंदराज जैन, लक्ष्मण जैन, डॉ. भुवनेश जैन और परिवार के सदस्य मौजूद रहे।
इसके साथ ही श्योर संस्था के अध्यक्ष रिखबदास मालू, उपाध्यक्ष विष्णु शर्मा, संयुक्त सचिव लता कच्छवाह, सचिव आनंदराज जैन, उम्मेदमल लोढ़ा, नरेंद्र तनसुखानी कोषाध्यक्ष, राजकीय कन्या महाविद्यालय के प्रिंसिपल डॉ. मुकेश पचोरी, समाजसेवी बंशीधर तातेड़, पार्षद महावीर बोहरा, नवीन सिंघल, प्रोफेसर एम.आर. गढ़वीर, वरिष्ठ अधिवक्ता पुरुषोत्तम सोलंकी, ओमजी जैन, ओमप्रकाश जोशी, जगदीश भार्गव,अंतरराष्ट्रीय लोक कलाकार फकीरा खां, विनय कुमार, हनुमान राम चौधरी शंकरलाल कंटवा , शिव पुरी स्वामी, मालाराम,बुधाराम, सुनील राकेचा, हनीफ खा, गणेश केला, राजेंद्र सोनी, शशि कुमार नैयर,अबरार मोहम्मद, मुकेश वडेरा, हितेष तापड़िया माधुसिंह, घेवारचंद प्रजापत, बाबू सिंह, ओम जोशी, अब्दुल अजीज अनिल शर्मा, जरीना, धीरज शर्मा, सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
रिपोर्ट – ठाकराराम मेघवाल