राजस्थान के बाड़मेर जिला से ऐसी तस्वीर सामने आई है जहां ग्रामीण पानी की बूंद बूंद के लिए तरह रहे है। भारत-पाकिस्तान सीमा पर बसे लोग भयंकर गर्मी में पानी लाने के लिए घरों से दूर जाते है। आजादी के 75 साल बाद भी सरकारे इंतजाम नहीं कर पाई और आज भी हालात पहले जैसे ही देखने को मिल रहे है। गांवों में पहले से खुदाई नाडी तालाब आज गांवों के लिए राहत बनी हुई है।
बाड़मेर जिला सीमावर्ती इलाकों में कई वर्षो से पानी समस्या थी। उस समय ऊंट व गधा खचर पखालो पानी लाने का जरीया था। अब समय भले ही बदल गया हो लेकिन उस समय सीमावर्ती क्षेत्र में बसे लोगो व पशुओं के पानी पीने के लिए कौसो दूर यानी कई किलोमीटर जाते थे। वहीं आज कुछ नाड़ी तालाब ही ग्रामीणों का जरीया बना हुआ है और लोगो के लिए वरदान साबित हो रहा है।
बाड़मेर जिला मुख्यालय से शिवकर गांव के पास दूदोई नाडी पर ग्रामीण महिलाएं पानी भरकर ले जाती नजर आई है। एक बार फिर पुराने समय के दौर देखने मिले है। जल मिशन नाम से महिलाओं को किस तरह पानी के लिए दूर जाना पड़ता है वह नजारा देखने को मिला है।
रिपोर्ट : ठाकराराम मेघवाल, बाड़मेर