जालोर। विश्व हिंदू परिषद् की प्रेरणा से सनातन महोत्सव समिति, जालोर द्वारा 17 अप्रेल बुधवार को श्रीराम जन्मोत्सव एवं रामनवमी शोभायात्रा को लेकर रविवार शाम 8 बजे जालंधरनाथ धर्मशाला में बैठक का आयोजन एवं सोमवार प्रातः भेरूनाथ अखाडा में आमंत्रण पत्रिका का विमोचन हुआ। सनातन महोत्सव समिति के संयोजक कैलाश माहेश्वरी ने बताया कि ब्रह्मलीन शांतिनाथजी महाराज की असीम कृपा व गंगानाथजी महाराज के शुभ आशीर्वाद से तथा प्रेमनाथजी महाराज के संरक्षण में विश्व हिंदू परिषद् की प्रेरणा से सनातन महोत्सव समिति, जालोर द्वारा श्रीराम जन्मोत्सव को लेकर रविवार शाम 8 बजे जालंधरनाथ धर्मशाला में बैठक का आयोजन हुआ।
जिसमें शोभायात्रा की रूप रेखा तैयार करते हुए कोष समिति, मठ-मंदिर संपर्क समिति, मोहल्ला समिति, समाज एवं संस्था समिति, छात्रावास समिति, निजी विद्यालय संपर्क समिति, सत्संग मंडली एवं मातृशक्ति संपर्क समिति प्रचार प्रसार समिति सहित विभिन्न समितियां बनाकर कार्यकर्ताओं को दायित्व सौंपा गया। बैठक में दिनेश जीनगर, शैतानसिंह राजपुरोहित, सोहन अग्रवाल, दशरथ वैष्णव, दिनेश बारोट, कमल अग्रवाल, दिलीप सोलंकी, राजकुमार माली, रामलाल माली, नारायण माली, गोपालसिंह, हीरालाल घांची, दिनेश गोयल, तरुण सिद्धावत, लालचंद सोलंकी, बंशीलाल घांची, हैमेंद्रसिंह बगेडिया, नाथाराम सहित बड़ी संख्या में धर्मप्रेमी उपस्थित रहे।
शोभायात्रा का परिक्रमा मार्ग
17 अप्रेल को आयोजित होने वाली रामनवमी शोभायात्रा तिलक द्वार स्थित रामदेवजी मंदिर से दीप प्रज्ज्वलन के साथ शुरू होकर हरिदेव जोशी सर्कल, पंचायत समिति, बड़ी पोल, घांचीयो पिलानी, माणक चौक, सदर बाजार, गांधी चौक, सुरजपोल होते हुए ट्रक यूनियन कार्यालय के सामने से कालका कॉलोनी, जागनाथ महादेव मंदिर वाली गली से राजेंद्र नगर में प्रवेश करेगी वहां से अस्पताल चौराहा होते हुए पुनः रामदेवजी मंदिर पंहुचेगी जहां पर भगवान राम की भव्य आरती व प्रसाद वितरण के साथ शोभायात्रा का विसर्जन होगा।
आमंत्रण पत्रिका का विमोचन
शोभायात्रा को लेकर आमंत्रण पत्रिका का विमोचन भेरूनाथ अखाडा के ईश्वरनाथजी महाराज के कर कमलो द्वारा किया गया तत्पश्चात सनातन समिति के संयोजक कैलाश माहेश्वरी व दिनेश जीनगर द्वारा पत्रिका वितरण की शुरुआत अखाड़े के साधु-संतों को निमंत्रण देकर की गई। पत्रिका विमोचन के दौरान हीरालाल लोहार, भागीरथ गर्ग, खुशवंत नाग सहित भक्तप्रेमियों की उपस्थिति रही।