गर्मियों का मौसम दस्तक दे रहा है। इस मौसम में खेत और खलिहान में गर्मी से आग लगने से फसल नष्ट होने के कई मामले सामने आते हैं। गर्मियों में हीट वेव के कारण कई बार खेत में खड़ी फसलें नष्ट हो जाती हैं जिससे उपज पर भी असर पड़ता है। फसल के बर्बाद होने से सबसे ज्यादा नुकसान किसान को होता है और इस वजह से कई किसान कर्ज के बोझ तले दबते चले जाते हैं। हालांकि, जैसे आप तबियत ख़राब होने पर हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम कर पैसे वसूल सकते हैं, वैसे ही फसलों को नुकसान पहुंचने पर बीमा क्लेम किया जा सकता है। यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि फसल बीमा क्या है और इसे कैसे क्लेम किया जा सकता है…।
फसल बीमा लागू
देश में पहले से ही किसानों को फसल बीमा का लाभ मिलता रहा है, लेकिन साल 2016 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने नई फसल बीमा लागू की। इसमें किसानों को फसल बीमा का पूरा लाभ देने के लिए कई नए तरह के प्रावधान जोड़े गए, जैसे बेमौसम बरसात, हीट वेव और आंधी तूफान से ख़राब होने वाली फसलों पर भी अब किसान मुआवजे की मांग कर सकते हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसानों को प्राकृतिक आपदा के कारण बुवाई नहीं कर पाने की स्थिति में मुआवजा मिलता है।
ऐसे में अगर आपके खेत में बेमौसम बारिश की वजह से बुवाई नहीं हो पाई है तो आप मुआवजे के हकदार होंगे। ये बीमा योजना ओला, जलभराव और लैंड स्लाइड यानी भूस्खलन जैसी परिस्थिति में भी मुआवजे का प्रावधान करती है। इन सभी तरह की घटनाओं को बीमा योजना के तहत स्थानीय आपदा मानकर मुआवजे का निर्धारण किया जाता है। वहीं अगर आप ने फसल को काटकर सूखने के लिए खेत में रखा है, तब कटाई के 14 दिन बाद तक बारिश या किसी अन्य आपदा की वजह से फसल बरबाद होने पर आपको मुआवजा मिलेगा।
मुआवजे की प्रक्रिया
फसल बीमा का लाभ उठाने के लिए सबसे बढ़िया रहता है कि आप नुकसान होने के 72 घंटे के भीतर बीमा कंपनी या स्थानीय कृषि विभाग कार्यालय को इसकी सूचना दें। ऐसा करने पर बैंक, बीमा कंपनी और कृषि विभाग को नुकसान का आकलन करने में आसानी होती है। उसी के बाद वह मुआवजे की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हैं। खेत में खड़ी फसल के कम से कम 33 प्रतिशत या उससे अधिक नुकसान होने पर ही मुआवजे के लिए आवेदन किया जा सकता है। अगर आपकी फसल हीट वेव से ख़राब हो जाती है तो आप ऐसा होने के 72 घंटे के अंदर इसकी जानकारी स्थानीय कृषि विभाग कार्यालय में दे दें। ऐसा करने पर आपको जल्द से जल्द मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है। इससे जुड़ी ज्यादा जानकारी आप अपनी भाषा में https://pmfby.gov.in पर पा सकते हैं।