भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (imd) ने घोषणा की है कि भारत में इस साल गर्मी के मौसम (अप्रेल से जून) में औसत से अधिक गर्मी के दिन देखने को मिलेंगे। देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक तापमान दर्ज किए जाने की आशंका है। अनुमान है कि गर्मी का सबसे अधिक असर दक्षिणी हिस्से, मध्य भारत, पूर्वी भारत और उत्तर-पश्चिमी मैदानी इलाकों पर पड़ेगा।
इसका मतलब ये हुआ कि देश के मैदानी इलाके इस बार हर साल से ज्यादा तपने वाले हैं। ये घोषणा तब की गई है जब भारत पहले से ही अपनी बिजली की मांग को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहा है, जो गर्मी के मौसम में काफी बढ़ जाती है। 31 मार्च, 2024 को समाप्त होने वाले वर्ष में भारत का जलविद्युत उत्पादन कम से कम 38 वर्षों में सबसे तेज गति से गिरा है। आने वाले महीनों में भी जलविद्युत उत्पादन शायद सबसे कम रहेगा, जिससे कोयले पर निर्भरता बढ़ जाएगी। इससे वायु प्रदूषण अगर बढ़ेगा तो ये गर्मी में और बढ़ेगी।