कोल्हापुर। कहावत ‘जाको राखे साइयां, मार सके ना कोई’ को महाराष्ट्र के कोल्हापुर में हकीकत में बदलते देखा गया। दरअसल, बीती 18 मार्च को आदित्य बंडगर नाम के एक 19 वर्षीय युवक ने पंचगंगा नदी में छलांग लगा दी थी। नदी में वह कीचड़ के बीच मगरमच्छों और जलपक्षियों के झुंड से घिर गया। पांच दिनों तक आदित्य के घुटने कीचड़ में घसे रहे। उसने मदद की भी खूब गुहार लगाई लेकिन उसे कोई बचाने नहीं आया।
शिरोल तहसील के शिरधोन गांव के रहने वाले आदित्य बंडगर परिवार से झगड़कर घर से निकला था। परिजनों ने जब आदित्य की तलाश की तो उसकी चप्पलें पंचगंगा नदी के पास मिली। जिसके बाद परिवार के लोगों ने कुरुंदवाड पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज करवाई। कुछ ग्रामीण नदी में आदित्य को खोजने के लिए शिरोल तहसील कार्यालय से एक नाव भी ले आए और खुद ही तलाशी अभियान में जुट गए। उन्होंने स्थानीय आपदा बचाव संगठन व्हाइट आर्मी से भी संपर्क किया।
व्हाइट आर्मी बचाव दल की मदद से ग्रामीणों ने सर्च ऑपरेशन के दौरान ड्रोन का भी इस्तेमाल किया। नदी के किनारे कई बड़े मगरमच्छ भी थे। काफी खोजबीन के बाद जब वो वापस लौटने लगे तो उन्हें अचानक किसी के चिल्लाने की आवाज सुनाई दी। जिसके बाद व्हाइट आर्मी बचाव दल के सदस्य वहां पहुंचे तो देखा कि युवक एक लगभग 10 फीट गहरे मिट्टी के गड्ढे में फंसा हुआ था। रस्सी के जरिए युवक को कीचड़ से बाहर निकाला गया।
आदित्य बंडगर के एक पैर में फ्रैक्चर भी था। जब उसे बचाया गया तो वो लगभग बेहोश था। जिसके बाद उसे शिरोल के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं लोग इस बात को लेकर आश्चर्य कर रहे है कि 5 दिन तक जलपक्षियों और मगरमच्छों से घिरे होने के बाद आदित्य जीवित रह पाया।