पाली। पुलिस ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए करीब डेढ़ करोड़ की बाजार कीमत की मादक पदार्थ एमडीएमए के साथ एक युवक को गिरफ्तार किया। आरोपी उदयपुर से यह सप्लाई लेकर आया था। जिसे पीपाड़ शहर लेकर जा रहा था। मुखबिर की सूचना पर सदर थाना पुलिस ने उसे पकड़ने की कार्रवाई की।
एसपी चूनाराम जाट ने बताया कि सदर थाने के एसएचओ अनिल कुमार को मुखबिर के जरिए सूचना मिली की हेमावास चौराहे के पास एक युवक जिसके पास बैग है इधर-उधर घूम रहा है और संदिग्ध लग रहा है। इस पर सदर थाना टीम मौके पर पहुंची। युवक की बैग की तलाशी ली तो उसमें चार अलग-अलग पैकेट में एमडीएमए ड्रग्स मिली। इस पर पुलिस ने जोधपुर जिले के पीपाड़ सिटी थाना क्षेत्र के कोसाणा गांव निवासी 26 साल के अशोक पुत्र सोहनराम को गिरफ्तार किया। और उसके कब्जे से एक किलो 432 ग्राम अवैध एमडीएमए ड्रग्स जब्त की।
आरोपी इससे पहले कितनी बार ड्रग्स की सप्लाई कर चुका है। इसको लेकर रिमांड के दौरान पुलिस उससे पूछताछ करेगी। डेढ़ करोड़ की ड्रग्स सप्लाई की जेब में मिले 250 रुपए करीब डेढ़ करोड़ रुपए बाजार कीमत की एमडी ड्रग्स को ले जा रहे तस्कर के पास बैक में चार एमडी ड्रग्स के पैकेट के अलावा कुछ नहीं था। संभवत: आरोपी चारों पैकेट अलग-अलग लोगों को सप्लाई करने ले जा रहा था। तलाशी में पुलिस को उसकी जेब से महज 250 रुपए नकद मिले।आरोपी यह ड्रग्स उदयपुर से कहां से लेकर आया और आगे किसको सप्लाई करने ले जा रहा था। इसको लेकर पुलिस रिमांड के दौरान पूछताछ करेगी।
एमडी ड्रग इतनी महंगी क्यों, इसका नशा?
पहले इस ड्रग की पहचान खाद के तौर पर थी तो सस्ती थी। लेकिन जब ये नशे के तौर पर बिकने लगी तो इसके रेट भी बढ़े। हालांकि बेहद महंगी ड्रग होने के बावजूद इस ड्रग की डिमांड काफी ज्यादा है। डिमांड बढ़ने की सबसे बड़ी वजह है, इसका नशा। म्याऊं-म्याऊं को लेकर जो जानकारी उपलब्ध है, उसके मुताबिक इसका नशा कुछ अलग होता है और इसे लेने के बाद शरीर में उत्तेजना एकदम तेजी से बढ़ जाती है। हाल के मामलों को देखें तो जोधपुर में इस ड्रग्स के काफी युवा आदि है।
डॉक्टर बोले- एमडी का नशा दिल के लिए खतरनाक है
पाली के बांगड़ हॉस्पिटल के मनोरोग चिकित्सक डॉ दलजीतसिंह राणावत बताते है कि एमडी नशे को लेकर कुछ युवा सोचते कि इससे उनकी यौन शक्ति बढ़ जाती है, लेकिन ऐसा नहीं है। इसका नशा काफी हाई होता है और शरीर में उत्तेजना पैदा कर देता है। इस ड्रग को तैयार करने में जिन केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है, वो दिल से लेकर शरीर के बाकी अंगों पर खतरनाक असर डालते हैं। इससे गुस्से में कंट्रोल खो देना, जिम्मेदारियों को लेकर लापरवाह हो जाता है। किसी बात पर फोकस ना होना इसके आम साइड इफेक्ट हैं।
एमडी ड्रग्स गुटखे में मिलाकर खाते हैं युवा
इस नशे के ज्यादातर युवा हैं, जो गुटखे, पान मसाला में मिलाकर इस ड्रग्स को लेते हैं। प्रदेश के जोधपुर, जयपुर, उदयपुर, कोटा जैसे बड़े शहरों में इस नशे के सैकड़ों युवा मिल जात है। एमडी ड्रग्स धीरे-धीरे जोधपुर के रास्ते पाली जिले में सप्लाई हो रहा है। एक बार इसका आदी होने पर युवा चिड़चिड़ा होता है जब उसे एमडी नहीं मिलता।
सबसे पहले यह जान लीजिए कि म्याऊं-म्याऊं नाम की ये ड्रग कोकीन या हेरोइन की तरह प्राकृतिक नशीला पदार्थ नहीं है, बल्कि एक सिंथेटिक ड्रग है और इसका असली नाम मेफेड्रोन है। इसे कुछ खास पौधों के कीड़े मारने के लिए एक सिंथेटिक खाद के तौर पर तैयार किया गया था। बाद में इसे नशे के तौर पर इस्तेमाल किया जाने लगा और देखते ही देखते नशेड़ियों के बीच इस ड्रग की मांग बढ़ने लगी।
इसकी डिमांड इसलिए भी तेजी से बढ़ी, क्योंकि शुरुआत में बाकी ड्रग्स के मुकाबले ये काफी सस्ती थी। नशे में मदहोश कर देने वाली ये ड्रग बेहद खतरनाक भी है और एनडीपीएस एक्ट के तहत इस पर बैन लगा हुआ है।