सुप्रीम कोर्ट ने 24 साल पुराने मामले में कोलकाता के एक दुकानदार को पैकेट पर निर्माता का विवरण, पता व निर्माण की तिथि न लिखे होने का दोषी माना और 50,000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। मामला कोलकाता का था।
जिसमें निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक ने दुकानदार को खाद्य अपमिश्रण निवारक कानून के उल्लंघन का दोषी माना है और 50 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।
सुप्रीम कोर्ट ने 24 साल पुराना मामला होने और दुकानदार की आयु करीब 60 साल होने के आधार पर नए कानून का लाभ देते हुए तीन महीने की कैद की सजा घटाकर 50,000 रुपए जुर्माने तक सीमित कर दी। यह फैसला न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति प्रसन्ना बी. वारले की पीठ ने सात मार्च 2024 को सुनाया।