प्रदेश में अवैध खनन की रोकथाम को लेकर सरकार व्यापक स्तर पर अभियान चला रही है। लेकिन ये अभियान महज औपचारिकता बनकर रह गया। क्योंकि इसके तहत न तो कोई प्रभावी कार्यवाही हुई और न ही किसी विभाग ने रुचि दिखाई। खनन विभाग के अतिरिक्त वन विभाग, राजस्व विभाग सहित पुलिस को अवैध खनन की रोकथाम को लेकर अभियान में सहयोग करने को लेकर सरकार द्वारा प्रतिबद्ध किया गया था।
वहीं मंगलवार को पुलिस महानिदेशक जयपुर कार्यालय में अपराध शाखा की बैठक में अवैध खनन की रोकथाम को लेकर समस्त पुलिस अधीक्षकों को आदेशित किया गया कि अवैध खनन की रोकथाम को लेकर खनन विभाग के साथ मिलकर कार्यवाही की जाए।
अवैध रुप से खनन-परिवहन जारी
गौरतलब हो कि बीट आरक्षी को इस मामले में अपने बीट में अवैध खनन की पूर्ण जानकारी लेकर उच्चाधिकारियो को एक सप्ताह मेें ई-मेल के माध्यम से अवगत करवाने को लेकर कहा गया है। लेकिन, धरातल पर ऐसा कुुछ भी नहीं दिखा। जिससे प्रतिदिन हजारों टन बजरी का दिन दिहाड़े अवैध रुप से खनन व परिवहन हो रहा हैं।
जिसको लेकर न तो खनन विभाग सर्तक हैं और नहीं अन्य विभाग। जिससे अवैध रुप से खनन व परिवहन करने वाले बजरी माफियाओं के होसले दिन ब दिन बढते ही जा रहें है। ऐसा ही नजारा उपखण्ड आबू के कारोली गांव में देखने को आए दिन मिल रहे हैं। जहां से प्रतिदिन हजारों टन बजरी का अवैध रुप से खनन व परिवहन हो रहा है।
निर्वतमान उपसरपंच नाथूसिंह सहित ग्रामीणों ने बताया कि नदी में दिन-रात बजरी का अवैध रुप से खनन हो रहा है। जिसको लेकर कई बार खनन अभियंता सिरोही को दूरभाष पर सम्पर्क किया गया। लेकिन, अधिकारी द्वारा आश्वासन ही मिलता है। बजरी के अवैध खनन पर किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं होती हैं। वहीं उपखंड अधिकारी माउंट आबू को भी लिखित में अवगत करवाया गया है।