किसानों के दिल्ली चलो मार्च का आज (गुरुवार) तीसरा दिन है। इस समय किसान अंबाला के पास पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर डटे हैं और दिल्ली की तरफ बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। इससे पहले मंगलवार और बुधवार को पुलिस ने बैरिकेड्स हटाने की कोशिश कर रहे भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। वहीं किसानों ने भी पत्थरबाजी की। इस दौरान कई किसान और जवान जख्मी भी हुए।
इस बीच गुरुवार की शाम को पांच बजे चंडीगढ़ में सरकार और किसानों के बीच सुलह के लिए बैठकें चल रही है। सरकार की तरफ से कृषि और किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा, वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में शामिल हुए। किसान और सरकार के बीच यह तीसरी बैठक होगी। इससे पहले 8 और 12 फरवरी को बैठकें हुई थीं, लेकिन बेनतीजा रहीं।
टोल प्लाजा किए बंद
हरियाणा की सीमा पर पंजाब के किसानों के साथ सुरक्षा बलों के टकराव के बीच संयुक्त किसान मोर्चा ने टोल प्लाजा फ्री करने का ऐलान किया है। किसानों ने दिल्ली-अमृतसर नेशनल हाईवे पर लुधियाना के लाडोवाल स्थित टोल प्लाजा सहित पंजाब के अलग-अलग टोल प्लाजों पर धरना प्रदर्शन करके इन टोल प्लाजा को फ्री कर दिया।
तीसरे दिन बंद रहे दिल्ली के ये बॉर्डर
किसानों के ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन की वजह से दिल्ली और हरियाणा के बीच दो प्रमुख सीमाओं पर वाहनों की आवाजाही बंद है। हरियाणा से लगी दो सीमाएं टिकरी और सिंघु बंद हैं जबकि उत्तर प्रदेश से लगी गाजीपुर सीमा पर सुरक्षा कर्मियों की निगरानी में आवाजाही की अनुमति दी गई है।
सीएम खट्टर का निशाना
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि यह ध्यान रखना होगा कि किसान का मोटिव क्या है। जैसे सेना आक्रमण करती है उस तरह का माहौल बनाया जा रहा है। किसान के तरीके पर आपत्ति है। दिल्ली जाने का सबको लोकतांत्रिक अधिकार है।
क्या है किसानों की मांग
किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी और कर्ज माफी समेत अपनी मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि स्वामिनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू की जाए। साथ ही किसान बिजली बिल माफी के साथ स्मार्ट मीटर का भी विरोध कर रहे हैं। वहीं सरकार का कहना है कि एमएसपी को लेकर जल्दी में कानून नहीं बनाए सकते हैं।
अमृतसर-दिल्ली रेल मार्ग बंद
किसानों ने गुरुवार को दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक पंजाब भर में रेल मार्ग बंद करने का ऐलान किया था। किसान यूनियन का उग्राहां गुट शंभू बॉर्डर के पास राजपुरा में रेलवे पटरी पर धरने पर बैठ गया। मोगा और अमृतसर में भी किसान रेल ट्रैक पर बैठ गए।