कोरोना का खतरा वैश्विक स्तर पर बना हुआ है। नवंबर-दिसंबर में दुनिया भर में बढ़े संक्रमण के मामलों की रफ्तार में फिलहाल कमी देखी जा रही है, हालांकि वैज्ञानिकों ने कोरोना के एक बार फिर से बढ़ने के संकेत दिए हैं। विशेषज्ञों ने अलर्ट जारी करते हुए कहा है, सभी लोगों को कोरोना को लेकर सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
ओमिक्रॉन और इसके म्यूटेटेड वैरिएंट्स के कारण संक्रमण के मामलों में फिर से उछाल आने की आशंका है। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने कहा कि देश में कोविड-19 की स्थिति फिलहाल काफी नियंत्रित है।
पर वसंत के दौरान एक बार फिर से संक्रमण बढ़ने का खतरा हो सकता है। ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में संक्रमण के सकारात्मक मामलों में थोड़ी वृद्धि देखी जा रही है। जिससे पता चलता है कि खतरा अभी टला नहीं है।
आने वाले महीनों, विशेष तौर पर वसंत के दौरान इंटर-रीजनल आवाजाही और मौसम में बदलाव के कारण कोविड-19 का खतरा फिर से बढ़ सकता है। इसको लेकर अभी से सुरक्षात्मक उपाय करते रहने की आवश्यकता है।
जेएन.1 वैरिएंट प्रमुख जोखिम कारक
चाइनीज सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के शोधकर्ता चेन काओ ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया, वर्तमान में चीन और दुनिया के अधिकतर देशों में ओमिक्रॉन और इसके म्यूटेटेड वर्जन जेएन.1 को ही संक्रमण का प्रमुख कारण माना जा रहा है।
हाल के महीनों में चीन सहित अमेरिका, सिंगापुर सहित कई देशों में कोरोना के बढ़े हुए मामलों के लिए इसी वैरिएंट को प्रमुख कारण पाया गया था। ज्यादातर स्थानों पर जेएन.1 संक्रमण के कारण हल्के लक्षण वाले रोग के ही मामले देखे गए थे। पर गंभीर बात ये है कि इसके कारण संक्रमण की प्रसार दर काफी अधिक थी।