
रिपोर्ट ठाकराराम मेघवालबाड़मेर (Barmer) जिले के धोरीमन्ना उपखंड के गांव डबोई निवासी एवं केयर्न ऑयल एंड गैस, वेदांता लिमिटेड के इंजीनियर मंगलाराम चौधरी ने राजस्थान राज्य का प्रतिनिधित्व करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर शानदार उपलब्धि हासिल करके बाड़मेर जिले एवं राज्य का नाम एक बार फिर से रोशन किया है। चौधरी ने यह साबित कर दिया कि यदि इरादे मजबूत हो तो जॉब के साथ-साथ भी राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया जा सकता है। चौधरी ने भोपाल में आयोजित 68वीं नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप (राइफल) में भाग लिया और उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए लगातार दूसरी बार “नेशनल रिनाउंड शूटर का खिताब” अपने नाम किया एवं इस प्रदर्शन के आधार पर कुमार सुरेंद्र सिंह शूटिंग चैंपियनशिप में भी जगह बनाई । भारतीय शूटिंग टीम चयन के विभिन्न ट्रायल्स एवं अंतरराष्ट्रीय शूटिंग टीम चयन में के.एस.एस. शूटिंग चैंपियनशिप के स्कोर का भी काफ़ी योगदान होता है। इससे पहले भी इन्होंने पिछले साल सम्पन्न हुई 67 वीं नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में भी शानदार प्रदर्शन करते हुए “नेशनल रिनाउंड शूटर” का खिताब प्राप्त किया था एवं बाड़मेर जिले के पहले “नेशनल राइफल रिनाउंड शूटर” बनने का गौरव हासिल किया था । चौधरी ने इस 68वीं नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप के 50 मीटर राइफल इवेंट में भाग लेकर 592.5 स्कोर हासिल किया । वहीं ओलंपियन ऐश्वर्या प्रताप सिंह तोमर ने 50 मीटर राइफल शूटिंग के क्वालिफिकेशन राउंड में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाते 597 स्कोर हासिल किया एवं गोल्ड मेडल प्राप्त किया । यह प्रतियोगिता इंटरनेशनल शूटिंग स्पोर्ट फेडरेशन के निर्धारित मानको पर नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजित की गई । आईएसएसएफ विश्व स्तर पर शूटिंग खेलों की सर्वोच्च संस्था है, जो ओलंपिक और अंतरराष्ट्रीय शूटिंग प्रतियोगिताओं का संचालन और मानकीकरण करती है।यह उपलब्धि न केवल मंगला राम चौधरी के कठिन परिश्रम का परिणाम है, बल्कि शूटिंग जैसे महंगे खेलों में भी धोरों की धरती बाड़मेर के उभरते खेल परिदृश्य की भी सशक्त पहचान बनकर सामने आई है। चौधरी ने बताया कि ऑयल फील्ड जैसी व्यस्त और चुनौतीपूर्ण नौकरी के साथ इस स्तर तक पहुँचना आसान नहीं था, लेकिन केयर्न कंपनी द्वारा मिले सहयोग और परिवार के निरंतर समर्थन से वे छुट्टियों के दौरान लगातार शूटिंग अभ्यास करते रहे और मेहनत व धैर्य के बल पर यह मुकाम हासिल किया।चौधरी ने शूटिंग की शुरुआत इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान एनसीसी (राष्ट्रीय कैडेट कोर) से की। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें एनसीसी में प्रवेश नहीं मिलता, तो वे शायद कभी शूटिंग के बारे में सोच भी नहीं पाते, क्योंकि वे एक साधारण किसान परिवार से आते हैं।*सीमित संसाधनों में भी शानदार प्रदर्शन*चौधरी ने बताया कि उनके पास अभ्यास के लिए बहुत कम समय था। ओलंपिक स्तर की पर्याप्त गोलियों की कमी, उच्च गुणवत्ता वाली एसेसरीज़ का अभाव और खुद की राइफल न होने के कारण उन्हें किराए की राइफल से ही प्रतियोगिता में हिस्सा लेना पड़ा। इसके बावजूद उन्होंने कठिन परिश्रम, आत्मविश्वास और लगन के साथ बेहतरीन प्रदर्शन किया । *10 दिन की कड़ी मेहनत एवं विशेष ट्रेनिंग ने बदली तस्वीर*कंपनी से अवकाश मिलते ही चौधरी ने देश की प्रतिष्ठित शूटिंग रेंज डॉ करनी सिंह शूटिंग रेंज से ओलंपिक कोटा होल्डर, इंटरनेशनल मेडलिस्ट एवं वर्तमान में भारतीय शूटिंग टीम के कोच श्री हरि ओम सिंह गोदारा के मार्गदर्शन में प्रैक्टिस की *इनका रहा विशेष योगदान*चौधरी ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, कोच हरि ओम सिंह गोदारा, श्री हेमाराम चौधरी (पूर्व मंत्री), श्री ओम बिरला (लोक सभा, अध्यक्ष), वेदांता ग्रुप के चेयरमैन श्री अनिल अग्रवाल, प्रिया अग्रवाल, श्री राहुल शर्मा (वेदांता), श्री उम्मेदाराम बेनीवाल (सांसद), श्री अब्दुल बरी (डायरेक्टर- डब्लयूटीएस एनर्जी), डॉ. सुरेंद्र सिंह गोदारा, डॉ. रमेश सोमरा, आईईएस शैतान सांगवा (डायरेक्टर गुरुग्राम मेट्रो), श्री जोर सिंह चौधरी (बीएसएफ), श्री सी.आर. चौधरी (एलेन), श्री सी.आर. चौधरी (मंत्री),आईईएस जगदीश चौधरी (रेलवे),डॉ. जे.पी. भांभू, ब्रिगे. बी.एस. शेखावत, श्री आर. कार्तिक, श्री बिभूति प्रसाद, श्री संजीव कुमार, श्री सज्जाद मुंशी, श्री नितिन भड, श्री रॉय वर्गीश, आईईएस रामदयाल कासवां (सीपीडब्ल्यूडी), आईईएस राजेश कुलहरी (जॉइंट सेक्रेटरी भारत सरकार), डॉ दिनेश बिश्नोई, ग्रुप कैप्टन एन आर सिंह (एनसीसी), पी बिश्नोई (एनसीसी) तथा अपने रिलीवर मोहित रतुरी व नवीन कुमार यादव को दिया।*पहले भी मिल चुके हैं कई सम्मान*चौधरी को एनसीसी में अपने बेमिसाल प्रदर्शन के लिए पहले भी रक्षा मंत्री अवॉर्ड, एनसीसी बेस्ट कैडेट अवॉर्ड और कैडेट अंडर ऑफिसर की रैंक प्राप्त कर चुके हैं। इसके अलावा एनसीसी इंटर शूटिंग चैंपियनशिप में उन्होंने 2 गोल्ड और 1 सिल्वर मेडल जीतकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। इसी के साथ साथ बाड़मेर गौरव सम्मान एवं जिला कलेक्टर श्रीमती टीना डाबी द्वारा बाड़मेर के ‘’पहले नेशनल राइफल रिनाउंड शूटर’’ का पुरस्कार मिल चुका है। चौधरी पेशे से पेट्रोकेमिकल इंजीनियर हैं। उनकी स्कूली शिक्षा किसान बोर्डिंग हाउस संस्थान, बाड़मेर से हुई, जबकि कॉलेज शिक्षा राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा से एवं एनसीसी प्रशिक्षण 7 राज. एयर स्क्वाड्रन एनसीसी, कोटा से प्राप्त किया।
रिपोर्ट – ठाकराराम मेघवाल
