
भीनमाल (Bhinmaal) भारत और सनातन के हर संस्कार वैदिक और पौराणिक काल से ही पूज्य रहे है। हमारे अवतार, ऋषि, मनीषी, साधु, संत और भगवान मां के गर्भ से ही भगवान मिले है, इसलिए हर मां का गर्भ उतना ही पूज्य और पावन है । जब भी बेटी या बहु गर्भवती हो तो उसका कुलदेवी की तरह आदर, सत्कार और सम्मान करना । क्यों कि उसी कुलदेवी की कोख से वंश आगे बढ़ता है। उसी कुलदेवी की कोख से जन्म लेने वाला बालक नारायण समान होगा। यह बात बुधवार को भीनमाल में आदर्श विद्या मंदिर के तत्वावधान में चल रही समर्थ शिशु श्री राम कथा के तीसरे दिन मानस मर्मज्ञ श्याम स्वरूप मनावत ने व्यास पीठ से कही। मनावत ने कहा कि मां के गर्भ से बड़ा कोई विश्वविद्यालय भी नहीं है। मां का नौ माह का गर्भकाल भी नवरात्रि जैसा है इसलिए नवरात्रि में हम जिस तरह से जगदंबा, कुलदेवी का पूजन, आदर करते है उसी तरह से उन नौ माह में गर्भवती बेटी या बहु का मान सम्मान करना चाहिए । जन्म लेने वाला बालक मां की हर गतिविधि का साक्षी होता है। उन्होंने भगवान राम और दशरथ के चरित की चर्चा करते हुए कहा कि हमारे भीतर भी पांच ज्ञानेंद्रियां और पांच कर्मेंद्रियां है , लेकिन उसका उपयोग करने पर निर्भर है कि हम दशरथ बने या दशानन। दशरथ बनेंगे तो संसार को राम देंगे और दशानन बनेंगे तो संसार को अहंकार देंगे। ज्ञान, भक्ति और कर्म के संतुलन का नाम ही दशरथ है। कथा में उपस्थिति स्त्री पुरुषों को अपने तरह की यह अनूठी कथा बहुत ही मन भावन और वर्तमान समय की सबसे अधिक आवश्यकता लग रही है । राम कथा के माध्यम से समग्र जीवन दर्शन और चिंतन को बहुत ही सारगर्भित शब्दों में परोसा जा रहा है। तीसरे दिन की कथा के प्रसाद के लाभार्थी एडवोकेट बालूराम चौधरी रहें । आदर्श विद्या मंदिर परिवार की ओर से डॉ श्रवण कुमार मोदी ने विद्या मंदिर और आदर्श शिक्षण संस्थान की विषय वस्तु, संस्कार और गतिविधियों की जानकारी दी। संयोजक भंवर कानूगो ने आगंतुकों का अभिवादन किया । संचालन हनुमान प्रसाद दवे ने किया। कथा में मेवाड़ की महामंडलेश्वर साध्वी ईश्वरी नंद गिरी, संत हिम्मत नाथ, आदर्श विद्या मंदिर के जिला अध्यक्ष कुशलराज सुथार, मदनसिंह बालोत, उगमकुंवर राव, भाजपा नेता सावलाराम देवासी, भाजपा जिलामंत्री भरतसिंह भोजानी, समाजसेवी गुमानमल जैन,भंवरलाल माली, रमेश पुरोहित, लक्ष्मण भजवाड, पहाड़सिंह, नैनाराम चौहान, दिनेश खंडेलवाल, रमेश सोनी,अशोक सोनी, क्षेमकरी ट्रस्ट के कोलचंद सोनी, गोपाल नागर, विजयसिंह राव,महेश व्यास, हरिसिंह सोलंकी, मदनसिंह राव सहित बड़ी संख्या में स्त्री पुरुष उपस्थित थे।कथा के अंत में राम जन्मोत्सव की झांकी दर्शाई गई जिसमें श्रोता झूम उठे।
रिपोर्ट – परबतसिंह राव

