
राजसमंद (Rajsmand) रामानुज वाटिका में आयोजित श्री राम कथा के तृतीय दिवस पर साध्वी सुहृदय गिरि ने कहा कि सूक्ष्म अभिमान भी पतन का कारण बन जाता है। सहज और सरल बनकर ही भक्ति के मार्ग पर चला जा सकता है। राम कथा में मानस के मोती है जो जीवन के क्षण क्षण में काम आने वाले हैं। जिसके हृदय में राम नहीं वह अभागा ही है। भगवान राम के अवतरण का चित्रण करते हुए साध्वी सुहृदय ने कहा कि भक्त के जीवन में अनेक बाधाएं आती है लेकिन सच्चा भक्त अपनी भक्ति नहीं छोड़ता। जो भगवान में विश्वास रखते है, भगवान कभी उसका अनिष्ठ नहीं होने देते हैं।
कथा के प्रारंभ में व्यास पीठ का पूजन शिव नारायण बूब, नगर परिषद की पूर्व अध्यक्ष आशा पालीवाल, गिरीश अग्रवाल, जयेश शर्मा, शिवलाल खींची ने किया। इसी दौरान व्यास पीठ से साध्वी सुहृदय गिरि ने सभी का व्यास पीठ से इकलाई ओढ़ाकर आशीर्वाद दिया। व्यास पीठ की राधा गौड़, सरोज गौड, कामिनी मेड़तिया, लिलेश खत्री, लटूर राम बलाई, पवन शर्मा, गुणेंद्र मेड़तिया, राकेश गौड़, हर्षवर्धन भाटी, सुनील लड्ढा, पिंकी लड्ढा द्वारा व्यास पीठ की आरती पूजन कर तृतीय दिवस की कथा को विश्राम दिया।
रिपोर्ट – नरेंद्र सिंह खंगारोत
