
पाली (Pali) मंगलवार 21 अक्टूबर। कार्तिक मास की अमावस्या 20 अक्टूबर सोमवार को महर्षि दयानन्द के निर्माण दिवस के उपलक्ष में पानी दरवाजा स्थित आर्य समाज मे यज्ञ अनुष्ठान एवं वैदिक संत्सग का आयोजन किया गया। ईश्वर स्तुति प्रार्थना उपासना,के बाद विधिवत देवयज्ञ आग्निहोत्र में नवस्येष्टी दीपावली के 31 विशिष्ट मंत्रो का सामुहिक पाठ कर यज्ञ में आहुतियां प्रदान की गई। तत्पश्चात राष्ट्रीय प्रार्थना, भद्र कामना संगठन सूत्र, आर्य समाज के नियमों का सामुहिक वाचन हुआ। प्रधान मंगाराम आर्य ने- राम के वंशज कृष्ण के बेटे तथा हनुमान आर्य ने ऋषि महिमा का भजन- योगी आया वह वेदों वाला…… भजन सुनाया।
मंत्री विजयराज आर्य ने स्वामी दयानन्द के बारे में सम्बोधित करते हुए कहा कि – जोधपुर के महाराज यशवंत सिंह के बुलावे पर दयानन्द जी जोधपुर गए और एक दिन वहां के दरबार में महाराज की वेश्या नन्हीं जान से समीपता देखकर उसकी कड़ी आलोचना कर दी। नन्हीं जान यह शब्द सुन कर स्वामीजी की दुश्मन बन गई। उसने अन्य विरोधियों से मिलकर स्वामीजी के रसोइए जगन्नाथ को बहकाया उसने दूध में विष मिलाकर स्वामी जी को पिला दिया। स्वामी दयानंद ने वमन-विरेचन की योग क्रियाओं से विष को निकालने की चेष्टा की, पर विष तीव्र था और अपना काम कर चुका था। कुछ दिन बाद ही दिवाली के दिन जब सारे देश में दीये जले ठीक उसी समय ऋषिवर की जीवन ज्योति बुझ गई। उसी दिन से आर्यजन दिपावली को ऋषि निर्वाण दिवस के रूप में मनाते हैं।
इस अवसर पर आर्य समाज प्रधान मगाराम आर्य, मंत्री विजयराज आर्य, पूर्व प्रधान गजेन्द्र अरोड़ा, प्रचार मंत्री घेवरचन्द आर्य, वरिष्ठ सभासद पुनमचन्द वैष्णव, एडवोकेट कुन्दन चौहान, करण आर्य। आर्य वीर दल की और से संरक्षक धनराज आर्य, उपाध्यक्ष देवेन्द्र मेवाडा, सचिव हनुमान आर्य, शाखा नायक रीकू पंवार, सचिन कुमावत, सिद्धार्थ आर्य महिला आर्य समाज की और से- उप प्रधान निर्मला मेवाडा, सचिव छवि आर्या, आर्य विरांगना पायल आर्या योगेश्वरी आर्या आरती आर्या सहित कई जने मौजूद रहे।
रिपोर्ट घेवरचन्द आर्य
