
राजसमंद (Rajsamand) जिला कलक्टर अरुण कुमार हसीजा ने कहा कि चिकित्सा अधिकारी अपने चिकित्सकीय दायित्वों के साथ-साथ विभाग में संचालित विभिन्न राष्ट्रीय कार्यक्रमों के लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु बेहतर प्रबंधकीय क्षमताओं का उपयोग करें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक अधिकारी अपने स्तर पर प्रतिदिन योजनाओं की समीक्षा करें तथा स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और आशा सहयोगिनियों के साथ सतत संवाद बनाकर समन्वय से प्रगति सुनिश्चित करें। यह निर्देश उन्होंने कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में विभिन्न राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों एवं योजनाओं की समीक्षा के दौरान दिये। कलक्टर ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत संचालित योजनाओं में बेहतर रैंकिंग पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि दी जा रही सेवाओं का तत्काल पोर्टल पर इन्द्राज किया जाए ताकि रैंकिंग में और सुधार हो। बैठक की शुरुआत मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ हेमन्त कुमार , ने पूर्व बैठक की पालना प्रस्तुत करते हुए की तथा विभागीय योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट दी।
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान में उत्कृष्ट प्रदर्शन पर चिकित्सा संस्थान व अधिकारी सम्मानित
बैठक में जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुरेश मीणा ने प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की और बताया कि प्रत्येक गर्भवती महिला की गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जांच सुनिश्चित करने हेतु प्रतिमाह की 9, 18 और 27 तारीख को सभी राजकीय चिकित्सा संस्थानों में पीएमएसएमए आयोजित किया जाता है। अभियान में उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बग्गड़, कुआँथल, कुंदवा, मझेरा के प्रभारी चिकित्सा अधिकारीयों, उपजिला चिकित्सालय भीम के प्रभारी डॉ सुरेश, अनंता हॉस्पिटल की डॉ मोनिका डांगी, डॉ प्रिया सैनी एवं डॉ स्नेहा गटूआर को स्मृति चिन्ह व प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। इसके साथ ही जिले में आशाओं के माध्यम से सर्वाधिक दो बच्चों पर नसबंदी हेतु प्रेरित करने पर जिला आशा समन्वयक हरि शंकर शर्मा, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत योजनाओं के कुशल क्रियान्वयन हेतु जिला कार्यक्रम अधिकारी आशीष दाधीच और डीएनओ विनीत दवे को भी सम्मानित किया गया।
स्वास्थ्य कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा एवं आवश्यक निर्देश
जिला कलक्टर ने राष्ट्रीय गैर संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए नाथद्वारा, राजसमंद शहरी क्षेत्र, कुंभलगढ़ और देलवाड़ा में स्क्रीनिंग, फॉलोअप तथा उपचार की गति बढ़ाने के निर्देश दिए। गैर संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम के संभागीय सलाहकार डॉ कैथूल चौधरी ने कार्यक्रम की स्थिति से अवगत कराया। कलक्टर ने राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की भी समीक्षा की तथा निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत मरीजों के बैंक खातों का तत्काल ऑनलाइन सत्यापन करने के निर्देश दिए। साथ ही, चिकित्सा संस्थानों पर टीबी संदिग्ध मरीजों की स्क्रीनिंग बढ़ाने पर भी बल दिया। मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं में 100 प्रतिशत प्रसव पूर्व जांच सुनिश्चित करने हेतु सभी गर्भवती महिलाओं का रजिस्ट्रेशन व पोर्टल इन्द्राज कराने के लिए निर्देश दिये गए। बैठक में जिला औषधि भंडार प्रभारी डॉ अनिल जैन ने बायो वेस्ट निस्तारण पर प्रस्तुति दी, डिप्टी सीएमएचओ डॉ राजकुमार खोलिया ने मौसमी बीमारियों की रोकथाम पर जानकारी दी तथा डिप्टी सीएमएचओ परिवार कल्याण डॉ महेन्द्र खंगारोत ने परिवार कल्याण कार्यक्रम की समीक्षा की। अंत में सीएमएचओ डॉ हेमन्त बिंदल ने सभी चिकित्सा अधिकारियों से स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं व आशाओं के साथ बेहतर समन्वय बनाकर योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश दिये। बैठक में सभी खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, चिकित्सा अधिकारी प्रभारी एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
रिपोर्ट -नरेंद्र सिंह खंगारोत
