
पाली (Pali) रामलीला मैदान में मंचित हो रही संगीतमय रामलीला के सातवें दिन बुधवार को जन सैलाब उमड़ पडा। कार्यक्रम हनुमान वन्दना से आरम्भ हुआ। प्रवक्ता मांगुसिंह दुदावत ने बताया कि रावण दरबार में रामदूत अंगद ने आकर रावण को अंतिम चेतावनी देते हुए युद्ध का ऐलान किया। रावण और मेघनाद ने आपसी संवाद कर युद्ध कि रणनीति बनाई। फ़िर रावण सेना की ओर से मेघनाद व राम सेना की और से लक्ष्मण द्वारा रणभूमि में एक दुसरे से सवांद करते हुए अलग-अलग दांव-पेंच में युद्ध करना। मेघनाद के घातक बाण से युध्द भुमि में ही लक्ष्मण का मुर्छित होना। सूचना मिलने पर राम का आकार भाई लक्ष्मण को गोद में लेकर विलाप करना । आदर्श भातृप्रेम दर्शकों के हृदय को द्रवित करने वाला था। राम एवं वैद्य की आज्ञा से हनुमान द्वारा रात में ही जाकर संजीवनी बूटी लाने वाला दृश्य भी अचंभित करने वाला था। कुंभकरण की निंद्रा भंग करने का दृश्य बच्चो एवं सभी उम्र के लिए कोतुहल एवं मनोरंजन रहा। उसके बाद कुंभकरण व रावण संवाद के बाद वानर सेना से युद्ध का आकर्षक दृश्य दिखाया गया। युद्ध में राम सेना की और से लक्ष्मण, हनुमान, अंगद आदि योद्धाओं द्वारा मेघनाद व कुंभकरण का अंत करना रोमांचकारी था । अपने भाईयों की मृत्यु से क्रोधित और उत्तेजित रावण का जाकर सीता को डराना- धमकाना एवं अपने परिवार के लोगों की हत्या देख किर्तव्यमुड होकर सोचना कि यह सब कैसे हो गया ? दर्शकों के लिए विश्मयकारी था। सोचते हुए रावण को पुरानी घटना वेदवती द्वारा श्राप देना याद आता है साथ ही मंदोदरी द्वारा युद्ध टालने के लिए समझाना भी अब उसे याद आने लगे। और वह मन ही मन बड़बड़ाता है। फ़िर रावण के सैनिकों द्वारा रावण को युद्ध के लिए तैयार करने का दृश्य दिखाया गया। इसके बाद राम व रावण दोनों युद्ध में विजय प्राप्ति की कामना से शिव वन्दना करते हैं जिससे दर्शको में शिव की भक्ति का भाव जागृत हुआ और भगवान शिव की जय से पांडाल गुंजायमान हो गया। शनिवार को पानी दरवाजा स्थित रघुनाथ जी मंदिर से भगवान राम की शोभायात्रा रवाना हुई जो सर्राफा बाजार धानमंडी होती हुई निर्धारित समय 6 बजे वानर सेना के साथ रामलीला मैदान पहुंची। यहां राम रावण संवाद के बाद दोनों का अपनी अपनी सेनाओं सहित युद्ध होता है राक्षसो और वानरों को युद्ध करते देख बच्चे खुश होते है । राम तीर चलाते हैं जिसके लगते ही रिमोट से पुतले में आग लग जाती है। अंहकार का प्रतीक 55 फीट का रावण का पुतला आंखें झपका रहा था और तलवार चला रहा था। साथ में मेघनाद कुंभकरण के 40-40 फीट के पुतले अकड़ कर खड़े थे। जो आधे घंटे में ही जलकर राख हो गये। इस बार लंका को सोने जैसा दिखाने के लिए सुनहरी झलक दी गई थी। लंका के द्वार पर दो हाथी के साथ ही द्वारपाल भी बनाएं गये थे। शहरवासियों के मनोरंजन के लिए करीब एक घंटे तक आतिशबाजी होती रही जिसमें लंका दहन भी शामिल है। नाट्य मंचन मे इन्होंने दी प्रस्तुति। जीवराज चौहान, मांगू सिंह दुदावत, रोहित शर्मा, गोविंद गोयल, आशीष व्यास, अंकित वैष्णव, नवनीत वैष्णव, लक्की खान, अर्जुन बडगोती , महेंद्र बडगोती , नेमीचंद टांक ,जगदीश, गोपाल दास, सुरेश राठौड़, महिला कलाकार संतोष वैष्णव, रूपाली जोशी , जया जोशी, हिमांशी जोशीने सुन्दर अभिनय किया। संगीतकार दिगम्बर व्यास, राजेन्द्रसिंह सोढा, पार्वश्य गायका नैहा देवड़ा, हर्षवर्धना भाटी ने सुन्दर अभिनय कर दर्शकों का मन मोह लिया।
यह रहे अतिथि
मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़, सांसद पीपी चौधरी, विधायक भीमराज भाटी महापोर राकेश रेखा भाटी सहित कई जनप्रतिनिधि व प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे।
रामलीला मे राम रावण युद्ध अहंकार रूपी रावण का हुआ अंत आधा घंटे में ही धू धू कर जला रावण परिवार।
कल होगा राम भरत मिलन
3 अक्टूबर को राम एवं भरत का धानमंडी में मिलाप एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा। कमेटी अध्यक्ष जीवराज चौहान व सचिव परमेश्वर जोशी ने बताया कि श्री रामलीला कमेटी की और से संगीतमय रामलीला के अन्तिम दिन राम भरत मिलाप , सांस्कृतिक कार्यक्रम दौरान कलाकारों एवं रामलीला में सहयोग करने वालों को पुरुष्कार स्वरूप स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किये जायेंगे ।
रिपोर्ट – घेवरचन्द आर्य
