
भीलवाड़ा (Bhilwara) जिले की पंचायत समिति कोटड़ी ने “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान को केवल एक योजना नहीं, बल्कि हरियाली का जन आंदोलन बना दिया है। विकास अधिकारी रामबिलास मीणा की प्रशासनिक दूरदृष्टि और प्रधान करण सिंह कानावत के सशक्त नेतृत्व ने कोटड़ी ब्लॉक को पूरे राजस्थान में “ग्रीन मॉडल” के रूप में स्थापित कर दिया है। 2024 में लक्ष्य 25,000 पौधों का, लेकिन लगाए गए 42,000 पौधे, साल 2025 अब तक लगाए जा चुके हैं 45,000 पौधे। यह सफलता पंचायत समिति और ग्राम पंचायतों की सामूहिक भागीदारी का परिणाम है। नवाचार 3.50 लाख बीजरोपण इस वर्ष कोटड़ी ब्लॉक में इतिहास रचते हुए विभिन्न प्रजातियों के 3,50,000 बीज डाले जा चुके हैं। ये आँकड़े कोटड़ी को राजस्थान का “ग्रीन ब्लॉक” घोषित करने के लिए पर्याप्त हैं। विकास अधिकारी रामबिलास मीणा ने बताया की चारागाह भूमि पर घास और हरियाली विकसित कर पशुधन को चारा उपलब्ध कराना, आने वाली पीढ़ियों के लिए प्राकृतिक संसाधन सुरक्षित करना हमारा लक्ष्य है। इतनी बड़ी संख्या में बीजरोपण अपने आप में एक रिकॉर्ड है। आने वाले वर्षों में यही बीज हरियाली का कमदेम जंगल बनकर कोटड़ी को राजस्थान का सबसे हरा-भरा ब्लॉक बना देंगे। ग्राम पंचायत आमा में मियावकी पद्धति से लगाए गए पौधे एक वर्ष में 7 फीट ऊँचाई तक पहुँच चुके हैं और सघन वन का रूप ले रहे हैं। ग्राम पंचायत गेंदलिया में राखी पर महिलाओं ने पौधों को राखी बाँधकर उनकी रक्षा का संकल्प लिया, जिससे अभियान सांस्कृतिक रंगों से भी सरोबार हो गया। ग्राम पंचायत मंसा में यहां का मियावकी वन अब तेज़ी से विकसित हो रहा है और ग्रामीणों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है। मीणा ने बताया की कोटड़ी ब्लॉक की लगभग 20 ग्राम पंचायतों में नर्सरी विकसित करने का लक्ष्य रखा है। प्रधान करण सिंह कानावत ने अभियान को गति देते हुए कहा की “हर परिवार यदि एक पेड़ माँ के नाम बचाए, तो आने वाले वर्षों में कोटड़ी ब्लॉक हरियाली का गहना बनेगा। स्वतंत्रता दिवस पर हरियालो राजस्थान अभियान में बेहतरीन कार्य करने वाले प्रशासकों गोपाल सिंह कानावत (कोठाज), लक्ष्मण गाडरी (उद्लियास), शिवराज जाट (बड़ला), शिवलाल जाट (आकोला), को सम्मानित किया गया।