
पाली सांसद पी.पी. चौधरी को भी अवगत कराया गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं। अस्पताल में केवल 2 अस्थायी डॉक्टर ही प्रतिनियुक्ति पर। स्त्री रोग विशेषज्ञ, शिशु रोग विशेषज्ञ और फिजिशियन के पद अब तक खाली। मौसमी बीमारियों में सैकड़ों मरीज रोजाना लाइन में, इलाज झोलाछापों पर निर्भर। निजी अस्पताल आयुष्मान योजना से पंजीकृत नहीं — गरीब मरीजों को दोहरी मार। ग्रामीणों ने चेताया — जल्द नियुक्ति नहीं हुई तो उपखंड मुख्यालय पर धरना।