
पाली शहर (Pali City) में गुरुवार (26 जून, 2025) को SABL परियोजना के उद्घाटन अवसर पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन स्थानीय निजी होटल में किया गया। यह परियोजना ग्राविस संस्था द्वारा संचालित की जा रही है, जिसे यूरोपियन यूनियन का सहयोग प्राप्त है। परियोजना का उद्देश्य राजस्थान के थार मरुस्थल क्षेत्र के चार जिलों पाली, फलोदी, बाड़मेर और जैसलमेर के ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि आधारित आजीविका को सशक्त करना है।
परियोजना समन्वयक माहितोष बागोरिया ने कार्यशाला की भूमिका प्रस्तुत करते हुए बताया कि इस परियोजना के माध्यम से लगभग 50,000 ग्रामीण लाभार्थी और 80,000 पशुधन सीधे लाभान्वित होंगे। इसमें महिलाओं और युवाओं की भागीदारी को विशेष रूप से प्राथमिकता दी जाएगी ताकि वे कृषि, पशुपालन और बागवानी जैसे क्षेत्रों में अपनी आजीविका को मजबूती दे सकें।
कार्यक्रम में वन विभाग के मदन सिंह बोडा ने ग्राम समुदाय आधारित मॉडलों के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि यह परियोजना विभागीय प्रयासों को गति देने में सहायक होगी। कृषि विज्ञान केंद्र से डॉ. मनोज कुमार काजरी और डॉ. विजय सिंह मीणा ने बागवानी व खेती की आधुनिक तकनीकों पर चर्चा की, जबकि पशुपालन विभाग से आए डॉ. मनोज कुमार ने पशुधन प्रबंधन से जुड़ी जानकारियां साझा कीं।
ग्राविस के राजेन्द्र कुमार ने परंपरागत और जैविक खेती को लेकर उपयोगी जानकारी दी, वहीं लोक निर्माण विभाग से दिलीप परिहार ने बताया कि विभाग गांवों और ढाणियों को सड़कों से जोड़ने का प्रयास कर रहा है ताकि किसान अपनी उपज को कृषि मंडियों तक आसानी से पहुंचा सकें।
कार्यशाला में विभिन्न सरकारी विभागों, गैर-सरकारी संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं सहित करीब 60 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस अवसर पर जीवनदान संस्था के भूराराम, सर्वमंगल संस्था के धनसिंह, समाजसेवी मंगलाराम, महिला सुरक्षा सहयोगी समिति पाली से कुलदीप पंवार, अचला, अंशु राठौड़ तथा ग्रामीण क्षेत्र से निशा, रूपाराम सहित अनेक लोगों की उपस्थिति रही।
कार्यक्रम का संचालन ग्राविस उपकेन्द्र पाली के केंद्र व्यवस्थापक करनाराम ने किया, जबकि अंत में जिला टीम लीडर विनोद कुमार त्यागी द्वारा सभी प्रतिभागियों, अतिथियों व सहयोगियों का आभार व्यक्त किया गया।
रिपोर्ट – रविन्द्र सोनी