
Jaisalmer। जिला कलक्टर प्रताप सिंह की अध्यक्षता में शनिवार को कलेक्ट्रेट सभागार में वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान एवं कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान के तहत एकदिवसीय CSR कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला का आयोजन जिला प्रशासन, जिला उद्योग एवं वाणिज्य केंद्र व जलग्रहण विकास एवं भू-संरक्षण विभाग के संयुक्त तत्वावधान आयोजित किया गया।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी रश्मि रानी ने सभी संबंधित विभागों, संस्थाओं एवं व्यवसाय प्रतिनिधियों से राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे जल संरक्षण जन अभियान में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाने की अपील की। साथ ही उन्होंने कहा कि जल संरक्षण न केवल वर्तमान की जरूरत है, बल्कि जैसलमेर जैसे कम पानी वाले जिले की आने वाली पीढ़ियों के लिए महती आवश्यकता है। कार्यशाला में विभिन्न विभागों एवं संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने जल संरक्षण से जुड़ी गतिविधियों, नवाचारों एवं चल रहे विकास कार्यों की जानकारी एवं सुझाव दिए।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने कहा कि वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान का उद्देश्य तभी सार्थक होगा, जब यह अभियान हम सबकी जन भागीदारी से एक जन अभियान रूप लेगा। साथ ही हम सभी के समन्वित प्रयासों से ही इस अभियान का उद्देश्य साकार होगा। साथ ही उन्होंने आगामी मानसून को देखते हुए सभी विभागों एवं उपस्थित प्रतिनिधियों से इस जल संरक्षण जन अभियान, हरियालो राजस्थान, एक पेड़ मां नाम अभियान के तहत अधिकाधिक पौधारोपण करने के साथ ही इस अभियान में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सफल बनाने का आव्हान किया।
जिला उद्योग एवं वाणिज्य केंद्र की जर्नल मैनेजर संतोष कुमारी ने जल संरक्षण जन अभियान की रूपरेखा व लक्ष्यों पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने जल संरक्षण के तहत की जा रही विभिन्न गतिविधियों और उनके प्रभाव को रेखांकित किया।
कार्यशाला में जलग्रहण विकास एवं भू-संरक्षण विभाग के अधीक्षण अभियंता कौशल पालीवाल ने वन्दे गंगा जल संरक्षण जन अभियान के तहत मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान 2.0 की (दितीय चरण ) की जानकारी देते हुए सी.एस.आर. फंड हेतु विकास कार्याे से अवगत कराया ।
कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान के नोडल अधिकारी डॉ नारायण दास इणखिया ने वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान की जानकारी देते हुए बताया कि इस अभियान एवं आज की कार्यशाला का मूल उदेश्य यही है कि भामाशाहो के माध्यम से भू-जल रिचार्ज एवं जल संरक्षण संरचनाओं का अधिक से अधिक निर्माण करवाया जा सके। साथ ही उन्होंने सी.एस.आर. के प्रतिनिधियों को रिचार्ज शाफ़्ट निर्माण कार्यो के लिए अधिक अधिकारी सहयोग का निवेदन किया। इस अवसर पर जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियंत के.सी. मीणा ने जल उपयोग अंकेक्षण (वाटर ऑडिट) के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
सी.एस.आर. के प्रतिनिधियो ने अपने अपने क्षेत्र मे कराये जा रहे कार्यों एव भविष्य में कराये जाने वाले कार्यक्षेत्र की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान 2.0 एवं कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान के तहत प्रस्तावित ग्राम/गाँवो में आवश्यकता अनुसार बजट की उपलब्धता होने पर कार्य लिये एवं करवाए जाएगें। साथ ही राशि पूल खाते में जमा करायी जावेगी ।
कार्यशाला में एनटीपीसी रामगढ़ ताप विद्युत परियोजना आर एस एम एम, ताज ग्रुप, सुजलोन एनर्जी, सूर्यगढ़ होटल, वंडर सीमेंट, समाजसेवी, व्यवसायिक संस्थान सहित अन्य कंपनियो के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
रिपोर्ट – कपिल डांगरा