
Kerala: कोल्लम स्थित अतिरिक्त जिला सत्र न्यायालय ने एक महिला की दहेज के लिए भूखा रखकर हत्या करने के मामले में उसके पति और सास को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने दोनों दोषियों — चंथुलाल और उसकी मां गीता लाली — पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
यह मामला करुनागप्पल्ली की रहने वाली 27 वर्षीय तुषारा की मौत से जुड़ा है, जिसकी मृत्यु वर्ष 2019 में हो गई थी। पुलिस जांच में सामने आया कि तुषारा को लंबे समय तक न केवल शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया, बल्कि भोजन से भी वंचित रखा गया। इस अमानवीय व्यवहार के चलते वह मात्र 20–21 किलोग्राम की रह गई थी।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में यह पुष्टि हुई कि उसकी मौत के समय पेट में भोजन का कोई अंश नहीं था। रिपोर्ट ने यह साबित करने में अहम भूमिका निभाई कि तुषारा की मृत्यु भूख से हुई। अभियोजन पक्ष ने इस मामले को समाज के लिए चेतावनी स्वरूप एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया, जिसे अदालत ने स्वीकार किया।
न्यायाधीश ने कहा कि यह फैसला समाज को यह संदेश देता है कि दहेज के नाम पर की जाने वाली क्रूरता अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।तुषारा अपने पीछे दो छोटे बच्चों को छोड़ गई है। मामले के तीसरे आरोपी चंथुलाल के पिता लाली का शव कुछ महीने पहले इतिक्कारा नदी के किनारे मिला था, जिससे संकेत मिलता है कि उन्होंने आत्महत्या की थी।
यह मामला एक बार फिर दहेज उत्पीड़न और महिला हिंसा के गंभीर पहलुओं की ओर ध्यान आकर्षित करता है, और न्यायालय का यह कठोर रुख ऐसे अपराधों पर अंकुश लगाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।