
Barmer। महिला एवं बाल विकास परियोजना, बाड़मेर शहर द्वारा संचालित पोषण पखवाड़े (Nutrition fortnight) का समापन आज स्थानीय गांधी चौक स्कूल में आयोजित किया गया। यह आयोजन वार्ड संख्या 24 स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में 8 अप्रैल से शुरू होकर 22 अप्रैल तक चला।
समापन समारोह में विभिन्न आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने विविध प्रकार की पोषण युक्त रेसिपी बनाकर प्रदर्शित की। कार्यक्रम की अध्यक्षता सीडीपीओ कुसुम चौधरी ने की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, “पहला सुख निरोगी काया है।” उन्होंने महिलाओं को गर्भावस्था से ही संतुलित आहार लेने, समय पर टीकाकरण करवाने और प्रसव पूर्व चार जांचें अनिवार्य रूप से कराने की सलाह दी। साथ ही, संस्थागत प्रसव और स्तनपान के प्रति जागरूकता फैलाने पर बल दिया।
कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र से वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. विनय कुमार, वैज्ञानिक डॉ. रश्मि दुर्गापाल और बी. आर. मोरवाल ने भाग लिया। उन्होंने बताया कि यदि गर्भावस्था से लेकर शिशु के जन्म के बाद 1000 दिनों तक उचित देखभाल की जाए, तो बच्चा स्वस्थ और मजबूत बनता है। उन्होंने पोषण वाटिका लगाने का सुझाव देते हुए कहा कि रसोई का पानी किचन गार्डन में उपयोग करके हम शुद्ध हरी सब्जियाँ और फल प्राप्त कर सकते हैं।
सुपरवाइज़र विमला और गीता गौड़ द्वारा पोषण पखवाड़े के अंतर्गत बेहतर कार्य करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रश्नोत्तरी के माध्यम से सम्मानित किया गया। वहीं, एनएनएम स्टाफ के रोशन खान ने ‘जन आंदोलन डैशबोर्ड’ पर प्रतिदिन 15 एंट्री करने की प्रक्रिया को समझाया।
कार्यक्रम में शिक्षा विभाग से असरूप खान, मनोज व्यास, महेन्द्र सिंह और लीना जोड़ी, नगर परिषद से रमेश कड़ेला, कृषि विज्ञान केंद्र से सुनील रांकावत, आईसीडीएस स्टाफ, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाएं, आशा कार्यकर्ता और नरेगा से जुड़ी महिलाएं उपस्थित रहीं।
समारोह के अंत में सभी अतिथियों का स्वागत पिंकी राजपूत (आंगनबाड़ी कार्यकर्ता), सुशीला कंवर (सहायिका) और स्वरूप कंवर (आशा) द्वारा किया गया। इस प्रकार ताजगी से भरे और जन-जागरूकता के उद्देश्य से आयोजित इस पोषण पखवाड़े का सफल समापन हुआ।
रिपोर्ट: ठाकराराम मेघवाल