मुंबई। किशोर लड़कियों को सशक्त बनाने के लिए करुणा और प्रतिबद्धता के एक उल्लेखनीय प्रदर्शन के अंतर्गत बाल दिवस के उपलक्ष्य में प्रमुख समाजसेवी संस्था “शीतल लोढ़ा फाउंडेशन” (Sheetal Lodha Foundation) द्वारा मुंबई के चर्नी रोड़ स्थित बाल भवन में 130 अनाथ किशोरियों को शैक्षिक सामग्री का वितरण किया गया। फाउंडेशन के इस “जॉय ऑफ गिविंग” दान अभियान का नेतृत्व यशवी लोढ़ा ने किया। इस अभियान में अनाथालय में रहने वाली 6 से 18 वर्ष की 130 किशोरियों को विभिन्न शैक्षिक सामग्री और स्टेशनरी वितरित की गई।
उदारता की भावना के साथ आयोजित इस दान अभियान के अंतर्गत इन किशोर लड़कियों को उनकी शैक्षणिक यात्रा के लिए आवश्यक उपकरण भी प्रदान किये गये, जिनसे उनमें उत्साह का संचार हुआ। उन्हें उनकी पढ़ाई के लिए आवश्यक संसाधनों से लैस करके यशवी लोढ़ा और उनकी टीम ने इन किशोरियों के जीवन में शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला। इस अभियान में सामुदायिक समर्थन पर ज़ोर दिया गया और प्रत्येक किशोरी के आत्मविश्वास को बढ़ाया गया।
इस अवसर पर बोलते हुए फाउंडेशन की संस्थापिका शीतल लोढ़ा ने अपने सरल और सशक्त संदेश में कहा कि हमेशा खुश रहें और मुस्कुराते रहें। उन्होंने किशोरियों को समझाया कि खुशी और सकारात्मकता हमारे मन में एक लहर जैसा प्रभाव पैदा करती है तथा हर किसी के पास खुशी साझा करके दूसरों का जीवन रोशन करने की अद्भुत शक्ति होती है। उनके द्वारा कही गई बात – “एक सच्ची मुस्कान बड़ा फ़र्क ला सकती है”, सभी के दिलों को छू गई।
यशवी लोढ़ा ने कहा कि उन्हें अपने जीवन में समाज सेवा की प्रेरणा अपनी दादी और मशहूर समाजसेवी मंजू लोढ़ा से मिली है और वह उन्हीं के पदचिन्हों पर निरंतर आगे बढ़ना चाहती हैं। उन्होंने बताया कि उनके फाउंडेशन द्वारा किशोरियों की महत्वाकांक्षाओं और शिक्षा को बहुत अधिक महत्व दिया जाता है। उन्होंने सभी किशोरियों द्वारा कड़ी मेहनत करने के महत्व पर भी ज़ोर दिया। उन्हें यह विश्वास करने के लिए भी प्रोत्साहित किया गया कि दृढ़ संकल्प के साथ, सबसे कठिन चुनौतियों को भी निश्चित ही पार किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि हमारा जीवन अवसरों से भरा है और हर विचार में समर्पण और कड़ी मेहनत से आगे बढ़ने की क्षमता होती है। सभी लड़कियों ने भी उत्साह के साथ प्रतिसाद दिया और कहा कि हमने आज अपने जीवन में आत्मविश्वास, दृढ़ संकल्प और आगे आने वाली अनंत सम्भावनाओं के बारे में मूल्यवान सबक सीखे हैं। इस अनूठी पहल ने न केवल बाल भवन की किशोरियों के जीवन को समृद्ध किया, बल्कि युवा प्रतिभाओं को पोषित करने में सामुदायिक समर्थन की शक्ति को भी रेखांकित किया। उन्हें प्रदान की गई शैक्षिक सामग्री न सिर्फ़ उनके सीखने के अनुभव को आगे बढ़ायेगी, बल्कि उन्हें नये सिरे से आशावाद एवं उत्साह के साथ अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए भी प्रोत्साहित करेगी।
इस अवसर पर स्वयं एक किशोरी के रूप में तारुषि लोढ़ा ने अपनी वैचारिक अभिव्यक्ति में आत्मविश्वास के बारे में ज्ञान साझा किया। उन्होंने कहा कि सफलता प्राप्त करने के लिए खुद पर विश्वास करना सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने सभी किशोरियों को अपने सपनों को थामे रखने और ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित किया। साथ ही उन्हें परामर्श दिया कि अपनी क्षमताओं पर विश्वास रखना उनके द्वारा जीवन में निर्धारित किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने की महत्वपूर्ण कुंजी है।