वाशिंगटन: पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) ने अपनी विजय भाषण में संकेत दिया कि यदि वह फिर से सत्ता में लौटते हैं, तो उनका एक प्रमुख नीति निर्णय दुनिया भर में चल रहे युद्धों को समाप्त करना होगा। ट्रम्प ने कहा कि उनका उद्देश्य युद्धों को रोकना है, न कि उन्हें शुरू करना।
“मैं युद्ध शुरू नहीं करने जा रहा हूँ, मैं युद्धों को रोकने जा रहा हूँ,” ट्रम्प ने कहा। उन्होंने यह भी दावा किया, “हमारे शासनकाल में चार साल तक कोई युद्ध नहीं हुए। केवल ISIS को हमने हराया।”
यूक्रेन और इज़राइल पर होगा ध्यान?
ट्रम्प ने इस बात का खुलासा नहीं किया कि वह किस देश या क्षेत्र में युद्ध समाप्त करने की पहल करेंगे, लेकिन यूक्रेन और इज़राइल को भू-राजनीतिक विशेषज्ञों द्वारा उनके दूसरे कार्यकाल के संभावित फोकस के रूप में उल्लेखित किया गया है। इस समय, यूक्रेनी सेना रूस के खिलाफ संघर्ष कर रही है, और ट्रम्प की विजय के बाद, यूक्रेन के नागरिक चिंतित हैं कि उनके लिए वाशिंगटन की मदद में कमी आ सकती है।
ट्रम्प का युद्धविराम का दावा
ट्रम्प ने दावा किया है कि वह 24 घंटे के भीतर युद्ध समाप्त कर सकते हैं, हालांकि उन्होंने इसके लिए कोई ठोस योजना पेश नहीं की है। यूक्रेनी नेताओं को ट्रम्प की इस टिप्पणी से भी डर है कि उनका प्रशासन यूक्रेन को दी जा रही सैन्य और वित्तीय मदद को रोक सकता है।
ट्रम्प का विदेश नीति पर बयान
2016 से 2020 तक के अपने पहले कार्यकाल में, ट्रम्प पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बने थे जिन्होंने उत्तर कोरिया के किम जोंग उन से सिंगापुर में ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन में मुलाकात की थी। उनका यह कदम अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ था।
यूक्रेन और रूस के बीच संघर्ष
रूस के साथ जारी संघर्ष में यूक्रेनी सेना अब दबाव में है, और रूस का उत्तर कोरिया के साथ गठबंधन भी मजबूत होता दिख रहा है। वाशिंगटन और सियोल के अनुसार, हजारों उत्तर कोरियाई सैनिक रूस भेजे गए हैं। यूक्रेनी सेना पर रूस के बढ़ते हमलों के बीच, यूरोप और अमेरिका में यूक्रेन के लिए समर्थन में कमी आई है।
यूक्रेनी नेताओं का प्रतिक्रिया
यूक्रेन के पूर्व राजदूत ओलेग शमशुर ने एएफपी से बात करते हुए कहा, “ट्रम्प की जीत गंभीर जोखिम पैदा कर सकती है। स्थिति बेहद चिंताजनक होगी।” उन्होंने इस बात की चिंता जताई कि ट्रम्प का राष्ट्रपति बनने से यूक्रेन को मिलने वाली सहायता में कटौती हो सकती है।
नाटो और यूक्रेन के रिश्ते
वाशिंगटन ने नाटो के माध्यम से यूक्रेन को वित्तीय और सैन्य सहायता में अरबों डॉलर की मदद दी है, जिससे यूक्रेन को रूस के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखने का बल मिला है। हालांकि, पिछले कुछ महीनों में यूरोप और अमेरिका में इस सहायता में गिरावट आई है, और अब यह चिंता जताई जा रही है कि ट्रम्प के सत्ता में आने से यूक्रेन को मिलने वाली मदद प्रभावित हो सकती है।
कुल मिलाकर, ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में यदि वह सत्ता में लौटते हैं, तो यूक्रेन और रूस के बीच संघर्ष, और वैश्विक युद्धों को समाप्त करने की उनकी योजनाओं पर वैश्विक समुदाय की नजरें बनी रहेंगी।