पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में स्थित आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (R G Kar Medical College and Hospital) में रेप और हत्या की शिकार हुई ट्रेनी डॉक्टर की प्रतिमा स्थापित की गई है। पीड़ित डॉक्टर की प्रतिमा अस्पताल के पास लगाई गई है। इस प्रतिमा का नाम ‘क्राई ऑफ द आवर’ है। प्रतिमा में एक महिला को रोते हुए दिखाया गया है और इसे प्रिंसिपल के ऑफिस के पास रखा गया है।
आर.जी. कर मेडिकल अस्पताल में बलात्कार और हत्या की शिकार हुई ट्रेनी डॉक्टर की प्रतिमा स्थापित
◆ इस प्रतिमा का नाम 'क्राई ऑफ द आवर' है
◆ इसे आरजी कर के प्रिंसिपल के कार्यालय के पास रखा गया है#RGKarHospital | #KolkataDoctorDeathCase | Cry Of The Hour pic.twitter.com/mEpjAYt8pi
— News24 (@news24tvchannel) October 3, 2024
अस्पताल के पास पीड़ित डॉक्टर की प्रतिमा स्थापित करने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। ट्रेनी डॉक्टर की प्रतिमा लगाने को लेकर सोशल मीडिया पर कई लोगों ने आलोचना की है और इसे ‘अपमानजनक’ और ‘परेशान करने वाला’ कदम बताया है। वही, टीएमसी नेता कुणाल घोष ने भी ट्रेनी डॉक्टर की प्रतिमा लगाने को लेकर डॉक्टरों की आलोचना की और कहा कि पीड़िता का नाम और पहचान उजागर करना सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के खिलाफ है।
कुणाल घोष ने एक्स पर ट्वीट किया, ‘कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति ऐसा नहीं कर सकता। कला के नाम पर भी नहीं। विरोध प्रदर्शन होंगे और न्याय की मांग होगी। लेकिन दर्द में लड़की के चेहरे के साथ प्रतिमा सही नहीं है। पीड़िता की तस्वीरों या प्रतिमा का उपयोग नहीं करने के दिशा-निर्देश हैं।’
তিলোত্তমার নামে এই মূর্তিটি বসানো সুপ্রিম কোর্টের বক্তব্যের স্পিরিটের পরিপন্থী। কোনো দায়িত্বশীল ব্যক্তি এটা করতে পারেন না। শিল্পের নামেও না। প্রতিবাদ, ন্যায়বিচারের দাবি থাকবেই। কিন্তু মেয়েটির যন্ত্রণার মুখ দিয়ে মূর্তি ঠিক নয়। নিগৃহীতার ছবি, মূর্তি, নামে দেশে গাইডলাইন আছে। pic.twitter.com/LCnH7QRfJx
— Kunal Ghosh (@KunalGhoshAgain) October 2, 2024
आरजी कर अस्पताल के डॉक्टर की सफाई
आरजी कर अस्पताल के डॉ. देबदत्त ने कहा, ‘हमने कोई नियम नहीं तोड़ा है और न ही कोर्ट के आदेश की अनदेखी की है। यह सिर्फ एक प्रतीकात्मक मूर्ति है और हम केवल उसे चित्रण नहीं करना चाहते हैं। हम अधिकारियों को दिखाना चाहते हैं कि क्या हुआ था और उसने कितना दर्द झेला था। हम न्याय के लिए लड़ते रहेंगे।’
डॉक्टरों ने बंद किया काम
जूनियर डॉक्टर ने मंगलवार से फिर से काम बंद कर दिया है। उनका आरोप है कि पश्चिम बंगाल सरकार ने अपने वादों को पूरा करने में फैल रही है। बता दे कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक महिला ट्रेनी डॉक्टर हैवानियत की शिकार हुई थी। इसके बाद कई दिनों तक पूरे देश में प्रोटेस्ट हुए थे। डॉक्टरों ने काम करना बंद कर दिया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलने के बाद डॉक्टर्स ड्यूटी पर लौटे थे।