नेपाल (Nepal) में शुक्रवार से लगातार हो रही बारिश के कारण बाढ़ और भूस्खलन से लगभग 200 लोगों की मौत हो गई है, जबकि कम से कम 30 लोग अभी भी लापता हैं। इस प्राकृतिक आपदा में 194 लोग घायल हुए हैं और 4,500 से अधिक लोगों को बचाया गया है।
नेपाल आर्मी और आर्म्ड पुलिस फोर्स को रेस्क्यू ऑपरेशन में आवश्यक उपकरणों की कमी का सामना करना पड़ रहा है, जिसके कारण उन्हें रबर बोट, रस्सियों, ट्यूब और फावड़े जैसे पारंपरिक उपकरणों का उपयोग करना पड़ रहा है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली 10 दिनों की यूएस यात्रा के बाद सोमवार को नेपाल लौटेंगे। उन्होंने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र में भाग लिया। कार्यवाहक प्रधानमंत्री प्रकाश मन सिंह ने रविवार को सर्वदलीय बैठक की और बचाव, राहत और पुनर्स्थापना प्रयासों को बढ़ाने का फैसला किया।
Flash:
Floods caused by incessant rain killed at least 39 people in #Nepal.
Nine persons were killed in #Kathmandu, 16 in #Lalitpur, five in Bhaktapur, three in Kavrepalanchowk, two each in Panchthar and Dhankuta, and one each from Jhapa and Dhading.
A total of 11 people are… pic.twitter.com/MiwaDtqpYR
— Yuvraj Singh Mann (@yuvnique) September 28, 2024
शनिवार को सरकार ने खराब मौसम और इसके कारण हुए विनाश के मद्देनजर तीन दिनों के लिए देश भर में सभी स्कूलों को बंद करने और चल रही परीक्षाओं को रोकने का फैसला किया। नेपाल के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ऋषिराम तिवारी ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियों को बचाव और राहत कार्यों के लिए तैनात किया गया है और 4,500 से अधिक लोगों को बचाया गया है।
भारी बारिश से देश भर में कई सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं और काठमांडू जाने वाले सभी मार्ग बंद हो गए हैं, जिससे हजारों यात्री फंस गए हैं।