फिल्म अभिनेत्री और भाजपा सांसद कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने अपने उस बयान पर “पश्चात्ताप” व्यक्त किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि 2020 में किसानों के विरोध का केंद्र रहे तीन कृषि कानूनों को वापस लाना चाहिए। मंगलवार को कंगना ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि ये कानून – जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने नवंबर 2021 में बड़े प्रदर्शनों के बाद वापस लिया था। फिर से लागू किए जाने चाहिए और किसानों को स्वयं इसकी मांग करनी चाहिए।
वही, भाजपा ने कंगना रनौत के टिप्पणियों से दूरी बना ली, यह बताते हुए कि वह पार्टी की ओर से बोलने के लिए “अधिकृत” नहीं हैं। पार्टी से आलोचना का सामना करने के बाद, भाजपा सांसद ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी और कहा, “मेरी टिप्पणी ने कई लोगों को निराश किया है।” कंगना ने कहा, ”मुझे यह याद दिलाना होगा कि मैं अब केवल एक अभिनेत्री नहीं हूं। मैं एक राजनेता भी हूं। मेरे विचार व्यक्तिगत नहीं होने चाहिए, बल्कि पार्टी की सोच का प्रतिबिंब होना चाहिए।”
Do listen to this, I stand with my party regarding Farmers Law. Jai Hind 🇮🇳 pic.twitter.com/wMcc88nlK2
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) September 25, 2024
कंगना रनौत ने कृषि कानूनों के लिए पहले मिली व्यापक समर्थन की बात की, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उन्हें वापस लेने के फैसले का सम्मान करने के महत्व पर जोर दिया। भाजपा सांसद ने तब यह दावा किया कि किसान आंदोलन भारत में “बांग्लादेश जैसे हालात” की तैयारी थी। उन्होंने आगे आरोप लगाया कि प्रदर्शन स्थलों पर शव लटके हुए पाए गए और बलात्कार की घटनाएं हो रही थीं, जिससे भाजपा और विपक्ष की ओर से तीखी आलोचना हुई। ऐसे आरोपों ने आंदोलन की गंभीरता को कम करने के प्रयासों की ओर इशारा किया और कई नेताओं ने इसे अस्वीकार्य करार दिया।
रिपोर्ट – निरमा पुरोहित