भीलवाड़ा। Jindal Shaw Limited पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए जालिया एवं देवपुरा गांव के ग्रामीणों ने भीलवाड़ा जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद उन्होंने जिला कलेक्टर नमित मेहता को ज्ञापन दिया। जिसमें ग्रामीणों ने मुआवजा वापस चालू कराने की मांग की है। ग्रामीण गोपाल लाल माली ने बताया जिंदल शॉ लिमिटेड द्वारा लाम्बिया माइंस पर वर्ष 2020 से खनिज निकालने का कार्य किया जा रहा है।
जिसके बदले हम निकटवर्ती खातेदारों को मुआवजा दिया जा रहा था। कंपनी द्वारा यह मुआवजा पिछले तीन महीनों से बंद है। हम सभी खातेदारों ने खनन कार्य से होने वाली असुविधाओं और रोजगार की समस्याओं के समाधान के लिए सांकेतिक धरना दिया था। कंपनी द्वारा आश्वासन मिलने के बाद हमने धरना समाप्त कर दिया। लेकिन अब तक जिंदल शॉ कंपनी द्वारा मांगों को पूरा नहीं किया गया है।
इसके विरोध में आज सामने जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया है। इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर इकट्ठा होकर विरोध प्रदर्शन किया। ज्ञापन देने मे देवीलाल, किशन, रोशन, गोपाल, हेमराज, नारायण सहित कई ग्रामीण मोजूद रहे।
क्षतिग्रस्त मकानों का नहीं मिला मुआवजा
वही दुसरी ओर उपनगर पुर में जिंदल की ब्लास्टिंग से कई मकानों में दरारें आ चुकी हैं। मकान क्षतिग्रस्त हो गए। ग्रामीणों ने जिंदल कंपनी के खिलाफ आंदोलन किया। प्रशासन ने पुर में क्षतिग्रस्त हुए मकानों का सर्वे कराया। प्रशासन ने कुछ प्रभावितों को यूआईटी की ओर से मुआवजे के रूप में भूखंड आवंटित किए। कुछ मकान अभी भी क्षतिग्रस्त हैं, लेकिन मुआवजा नहीं मिला। यह मकान कभी भी ढह सकते हैं। सात दिन पहले कोठारी मोहल्ला में जर्जर मकान ढह गया था।
रिपोर्ट: पंकज पोरवाल