भीलवाड़ा। राजमेस मेडिकल कॉलेज की मेडिकल फैकल्टी ने आंदोलन के आठवें दिन सोमवार को महात्मा गांधी हॉस्पिटल से जिला कलेक्टर कार्यालय तक हाथों में तख्तियां लेकर रैली निकाली और आरएसआर की मांग की। कलक्ट्रेट के बाहर चिकित्सकों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री के नाम कलक्टर को ज्ञापन दिया।
मेडिकल ज्यूरिष्ट डॉ. चेतन जैन ने बताया कि अस्पताल अधीक्षक डॉ. अरुण गौड़ की मौजूदगी में दिए ज्ञापन में बताया गया कि सरकार ने बजट में राजमेस में राज्य सेवा नियम स्वीकार करने की घोषणा की थी। अब इन नियमों को सभी चिकित्सक शिक्षकों पर लागू नहीं कर 1 अगस्त 2024 के बाद नियुक्त होने वाले शिक्षकों पर ही लागू कर रहे हैं। इसको लेकर राजमेस मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स विरोध में हड़ताल पर है।
भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज की ईएनटी प्रोफेसर डॉ. लीना जैन ने बताया सरकार के भेदभाव के कारण हम आहत हैं, इसलिए अपना ज्ञापन लेकर जिला कलेक्टर के पास आए हैं। उन्होंने बताया राजस्थान मेडिकल एजुकेशन सोसायटी (राजमेस) इसके 17 मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर के केडर को राज्य सरकार ने डाई (मुर्दे) के समान घोषित कर दिया है। इसका पूरी मेडिकल फैकल्टी विरोध कर रहे हैं।
भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज में 102 डॉक्टर टीचर है। इसमें नॉन क्लीनिकल और क्लीनिकल दोनों तरह के हैं। यदि हमारी मांगे नहीं मानी गई और हमें सामान सैलेरी स्ट्रक्चर के तहत राहत नहीं मिली तो आगे उग्र आंदोलन किया जाएगा। रैली के इस दौरान बड़ी संख्या में राजमेस से जुड़ा मेडिकल फैकल्टी स्टाफ मौजूद रहा।
रिपोर्ट: पंकज पोरवाल, भीलवाड़ा