राजस्थान के दांतराई में जैन समाज की ओर से आयोजित चातुमार्स को लेकर बुधवार को आचार्य भंगवत सोमसुंदर सूरीशवर महाराजा, आचार्य भगवंत पुण्यसुंदर सुरीशवर महाराज सहित 50 साधु-साध्वी भंगवतो का गांव मे सुबह मंगल प्रवेश हुआ। दांतराई जैन संघ अध्यक्ष वसंत कुमार मुथा ने बताया है कि जैन समाज की ओर से आयोजित चातुमार्स को लेकर बुधवार को आचार्य भंगवत सोमसुंदर सूरीशवर महाराजा, आचार्य भगवंत पुण्यसुंदर सुरीशवर महाराज सहित 50 साधु-साध्वी भंगवतो का धर्म नगरी के नाम से विख्यात दांतराई गांव में मंगल प्रवेश हुआ।
दांतराई नगरी में कल्याणरंगी, सोमरंगी चातुर्मास 25 साल बाद आयोजित होने जा रहा है। आचार्य भंगवतो के आगमन पर शा वादीबैन खेमचंद वनेचंद जी मुथा परिवार के आंगन से आचार्य भगवंतो के साथ पांच मुंमुक्षु दीक्षाथी का गाजे बाजे के साथ में वरघोडा कार्यक्रम शुरू हुआ जो दांतराई पुरानी पुलिस चौकी के पास मे पहुंचने पर आचार्य गुरु भगवंतो के मंगल प्रवेश के दौरान दांतराई जैन संघ की 101 श्राविकाओ ने नए परिधानों में सजधज कर सीर पर कलश धारण कर सामैया कर भव्य स्वागत कर वंदना की गई।
श्रावक- श्राविकाओं ने आचार्य भगवंतो के नगर प्रवेश को लेकर भक्ति में आतुर एवं नए परिधानों में सजधज कर कर वरघोड़े में शामिल हुए। तथा गाजे बाजे के साथ नृत्य करते हुए वरघोड़े में चल रहे थे। वरघोडा शीतलनाथ भगवान मंदिर पहुंचा जहां पर आचार्य भगवंतो एवं श्रावक- श्राविकाओ ने शीतलनाथ भगवान के दर्शन किए। दर्शन के पश्चात आचार्य भंगवतो सहित श्रावक-श्राविकाएं प्रवचन संभागार पहुंचे जहां पर आचार्य भंगवतो का प्रवचन कार्यक्रम आयोजित हुआ।
चातुर्मास कार्यक्रम को लेकर तीन दिन विशेष कार्यक्रम आयोजित हुआ तथा 2 माह तक चातुर्मास गांव मे आयोजित होगा। उस दौरान जैन समाज के बडी संख्या में महाराष्ट्र, गुजरात व चेन्नई सहित समाजबंधु कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पहुंचे। आगामी दिनो में श्री जीरावाला पार्श्वनाथ जैन तीर्थ मंदिर परिसर में आयोजित होने वाली दीक्षा कार्यक्रम को लेकर बुधवार को पांच मुमुक्षु दीक्षार्थी बहनों का दांतराई मे वर्षीदान वरघोडा गांव के मुख्य मार्ग से निकल गया जिसमें दीक्षार्थी मुमुक्षु बहनों ने अपने दोनों खुले हाथों से वर्षीदान किया।
इस दौरान जैन संघ प्रमुख वसंत कुमार मुथा, उपाध्यक्ष पारसमल चौहान, सचिव रणजीत कुमार तातेड, विमल एल. शाह, हीराचंद कांकरिया, कीर्तिभाई मुथा, जैकी भाई मुथा, अशोकभाई मुथा, कांतिभाई मुथा, बाबूलाल मुथा, रामलाल जैन, कांतिलाल जंगाणी, त्रिलोकचंद चौहान राकेश मथुरा सहित कई श्रावक श्राविकाएं का उपस्थित थे।