भीलवाडा। भारतीय संस्कृति में पौराणिक काल से ही देहदान का महत्व बताया गया है। महर्षि दधीचि ने अपना शरीर इसलिए त्याग दिया था क्योंकि उनकी हड्डियों से व्रज बना कर दैत्यों का संहार किया जा सके। देहदान हेतु हेल्दी बॉडी का होना आवश्यक है। बीमार ओर लावारिश बॉडी का देहदान लेकर हम हमारे भावी डॉक्टर्स के जीवन को खतरे में नहीं डाल सकते हे। यह विचार डॉ पूजा गंगराड़े विभागाध्यक्ष एनाटॉमी विभाग मेडिकल कॉलेज भीलवाड़ा की वाइस प्रिंसिपल ने वरिष्ठ नागरिक मंच की जुलाई माह की बैठक में मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता के रूप में देहदान के बारे में व्यक्त किए।
मंच अध्यक्ष मदन खटोड़ ने बताया कि सभी का स्वागत वरिष्ठ प्रांतीय उपाध्यक्ष श्याम कुमार डाड ने किया संरक्षक टीसी चैधरी एवं ओपी हिंगड ने भी अपने विचार व्यक्त किए। संचालन संयुक्त महासचिव कैलाश चंद्र सोमानी ने किया। पवन पाराशर, डीएसए मेडिकल कॉलेज, नवीन बने सदस्यों एवं इस माह में जिनका जन्मदिन हे ऐसे सभी सदस्यो का तिलक माला व उपरना से स्वागत किया गया। गत माह की बैठक की कार्यवाही का अनुमोदन करवाया गया।
सलाहकार मंडल एवं संरक्षक सदस्य आरपी रूंगटा एवं एसएस मेहता का स्वागत किया गया। धन्यवाद ज्ञापन सुरेश पटवारी ने किया।
बैठक में कैलाश पुरोहित, ओम प्रकाश लढ़ा, रामप्रकाश पोरवाल, भवानी शंकर शर्मा, राजकुमार अजमेरा, महावीर पारीक, रमेश ईनाणी, रमेश मेवाड़ा, जाय पियरसन, रमेशचंद्र मंगल, गौरीशंकर स्वर्णकार, गोपाल पुरोहित,शंकर छीपा, अरविंदकुमार जोशी, राजकुमार पाटनी, उमेश शर्मा, रामजस डाड, अशोक कुमार डाड, रतनदेव शर्मा, केजी काकाणी, उदयलाल अजमेरा, भेरूलाल जागेटिया, डाॅ राजेश छापरवाल, विमला सोमानी, शीला अग्रवाल, सुमन गगरानी, कुसुम चंडालिया, सरिता पाटनी, निर्मला लखोटिया, डॉ मंजुला मुछाल आदि उपस्थित थे। अध्यक्ष मदन खटोड़ ने बताया कि दिंनाक 16 जुलाई मंगलवार को मोटिवेशनल स्पीच कार्यक्रम हेतु प्रातः 11.00 बजे भवन पर एक वर्कशॉप आयोजित की जायेगी।
रिपोर्ट – पंकज पोरवाल, भीलवाडा