सायला। विश्व हिंदू परिषद एवं दुर्गा वाहिनी की 15 बहने मातृशक्ति विभाग संयोजिका अनीता बालोत के साथ शौर्य प्रशिक्षण वर्ग में भाग लेने जालोर से ओसियां के लिए रवाना हुई। संयोजिका बालोत ने बताया कि शौर्य प्रशिक्षण वर्ग में धीरता, दृढ़ अनुशासित, कर्मठता व व्यवहार की मधुरता दुर्गावाहिनी कार्यकर्ता के आदर्श गुण का समावेश करने हेतू वर्ग का आयोजन हर वर्ष किया जाता है। उन्होंने बताया कि जब हम समाज और धर्म का कार्य करते है तो सर्वप्रथम हमें अपने अंदर सात्विक गुणों को धारण करना होता है और यही इस प्रशिक्षण का मूल उद्देश्य है।
एक श्रेष्ठ कार्यकर्ता स्वयं के जीवन में धीर, दृढ़ अनुशासित, कर्मठ तथा ध्येय के प्रति समर्पित होती है, एक श्रेष्ठ दुर्गावाहिनी ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ, सतत कार्यशील, परिश्रमी तथा मधुर व्यवहार करने वाली होती है, उसकी प्रभावित करने वाली भाषा, वेशभूषा से ही समाज में उसका प्रभाव बढ़ता है तथा संगठन कार्य का विस्तार होता है। निराशा उसके जीवन में कभी आ ही नही सकती, वह ध्येय के प्रति दृढ़, धैर्यवान और क्षमावान होती है।
इसी से उसका नेतृत्व कौशल प्रकट होता है, उसके मन में संगठन कार्य करने की तीव्र उत्कंठा, हृदय में आग, सिर पर बर्फ व पांव में चक्कर होता है तभी वह कुशल संगठनकर्ता बन सकती है और यही इस प्रशिक्षण वर्ग में नियमित सिखाया जाता है जिससे आगे चलकर जब ये समाज जीवन का कार्य करते है तो उन्हें कठिनाइयों का सामना नहीं करता पड़ता, समाज हमारे सहयोग हेतु सदैव तत्पर रहता है।
वर्तमान में समाज को दिशा देने की महती जिम्मेदारी मातृशक्ति की है। समाज को एकता में बांधना, समरसता का भाव जगाना तथा देश व धर्म के प्रति सभी को जागरूक करना ऐसे कार्य है जो महिलाओं द्वारा ही सफलतापूर्वक किये जा सकते है और इसके लिए वर्ग से तैयार होकर सभी को आगे समाज में काम करना होता है। इसी से भारत माता परम् वैभव को प्राप्त करेगी तथा सर्वत्र नारी का सम्मान बढ़ेगा।
सभी बहनों को शौर्य वर्ग से प्रशिक्षित होकर अपने अपने क्षेत्र में दुर्गावाहिनी का कार्य विस्तार के उद्देश्य से यह वर्ग आयोजित किया जाता है। वर्ग में भाग लेने जालोर नगर से 6, आहोर प्रखंड से 2, बागरा प्रखंड से 6 तथा सायला प्रखंड से एक दुर्गा वाहिनी रवाना हुई।
रिपोर्ट: मुकेश वैष्णव, सायला (जालोर)