भीलवाड़ा। वरिष्ठ नागरिक मंच की 25वीं सृजन काव्य गोष्ठी वरिष्ठ नागरिक भवन पर मदन खटोड़ की अध्यक्षता एवम ओम उज्ज्वल के मुख्य आथित्य में संपन्न हुई। काव्य गोष्ठी का संचालन अरुण कुमार शर्मा अजीब ने अपने साहित्यिक अंदाज में किया। उन्होंने बताया कि महाराणा प्रताप जयंती, भगवान परशुराम जयंती और मातृ दिवस के उपलक्ष्य में सभी कवियों ने अपनी सुंदर रचनाए प्रस्तुत की।
सर्वप्रथम प्रेम सोनी ने मां ज्ञान की ज्योति जगा दे सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। उसके पश्चात योगेंद्र सक्सेना ने चांद सितारे शर्माते हैं, श्याम सुंदर तिवाडी ने त्रेता युग में जन्म लिया विष्णु के अवतार, विमल जैन ने मां तुम क्या हो मां का नहीं जहां में सानी, शशि ओझा ने जिनके हाथ में फरसा वही बलशाली हुए, रामविलास नागर अंकुर ने राष्ट्रभक्त को नमन कर रहा हिंदुस्तान, मनोहर लाल कुमावत ने सत्य बोले कौवा काटे,
बृज सुंदर सोनी ने मैंने खेल खेल कर खेलने जब अपने घर को आता था, महावीर पारीक ने लूटा दे जो राणा पर भामाशाह, चिरंजीलाल टांक द्वारा वक्त वक्त की बात है, कमला शर्मा द्वारा जब चारों ओर अंधेरा हो कृष्ण भक्ति की रचना प्रस्तुत की, राष्ट्रीय कवि संगम के महेंद्र शर्मा द्वारा हर बार मर गया होता में, बंसीलाल पारस जिंदगी बे बुझ पहेली है।
नरेंद्र वर्मा नरेंद्र द्वारा बचकाना पन घोंट घोंट कर पिला दिया, है ओम भदादा द्वारा संघर्ष मुट्ठी में कुछ सपने लेकर भरकर जेबों में कुछ आशाएं दिव्या ओबेरॉय ने तेरी धरती पर जन्म लिया, आज के विशेष मेहमान अजीज जख्मी द्वारा प्रस्तुत गीत कल तेरे भी दिन आएंगे तो दिल को मत छोटा कर ने वाहवाही लूटी, ओम उज्ज्वल ने हर जोर जुल्म की टक्कर में हड़ताल हमारा नारा है, साधना दीक्षित द्वारा वह मेरे करीब था आदि गीत प्रस्तुत किये। धन्यवाद ज्ञापन अध्यक्ष मदन खटोड़ द्वारा किया गया।
रिपोर्ट: पंकज पोरवाल, भीलवाड़ा