भीलवाड़ा (Bhilwara) के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान 8 साल की मासूम बालिका की मौत हो गई। जिसके बाद निजी अस्पताल परिसर में परिजनों ने अस्पताल मैनेजमेंट पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। वहीं सूचना मिलने के बाद सुभाष नगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और समझाइश करने के बाद मामला शांत करवाया गया। पुलिस ने मृतका के शव को कब्जे में लेकर जिला अस्पताल स्थित मोर्चरी रखवाया है। जहां मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम की कार्यवाही की जाएगी। इलाज में लापरवाही और समय पर ट्रीटमेंट नहीं मिलने के चलते मासूम की मौत होने का परिजनों ने आरोप लगाया हैं।
मृतका के परिजन दुर्गा लाल ने कहा कि हमारी बेटी को उल्टी दस्त की शिकायत पर हमने रात को हॉस्पिटल में भर्ती कराया। उसके बाद पूरी रात निकल गई लेकिन कोई डॉक्टर उसे चेक करने के लिए नहीं आया। रात को मेडिकल स्टाफ ने इसके ब्लड का सैंपल लिए और बताया था कि इसकी प्लेटलेट्स कम है और हमे प्लेटलेट्स लेकर आने को बोला। जैसे तैसे एक दूसरे हॉस्पिटल से मैंने प्लेटलेट्स लाकर दी और वो उसे चढ़ाई उसके थोड़ी देर बाद बच्ची की तबीयत फिर से बिगड़ गई लेकिन कोई डॉक्टर उसे चेक करने वाला नहीं था।
मृतका के परिजन कहा कि सुबह डॉक्टर बच्ची को चेक करने आया उसके बाद हमें बोला कि जहां आपकी मर्जी हो वहां आप बेटी को इलाज के लिए ले जाओ। हम उदयपुर जाने के लिए एंबुलेंस लेकर आए, इसका ऑक्सीजन मास्क हटाया तो ये बेहोश हो गई। इसे वार्ड में लेकर मेडिकल स्टाफ ने इसकी जांच की लेकिन इसकी डेथ हो चुकी थी। हम सिर्फ इंसाफ चाहते हैं। जैसा हमारी बेटी के साथ में हुआ ऐसा किसी और बेटी के साथ में नहीं हो । इसको अगर समय पर इलाज मिलता तो यह बच जाती। मेडिकल स्टाफ ने लापरवाही की ओर समय पर डॉक्टर नहीं आया। अगर समय पर डॉक्टर आता तो इसकी जान बच सकती थी । हम हमारी बच्ची को लेकर जा रहे हैं इन्हें जो सजा होगी वह भगवान देगा।
वही, सुभाष नगर थाना प्रभारी दलपत सिंह राठौड़ ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पुलिस ने बच्ची के शव को महात्मा गांधी हॉस्पिटल की मोर्चरी में रखवाया और पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव परिजनों के सुपुर्द किया जाएगा।
रिपोर्ट – पंकज पोरवाल