‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ (One Nation One Election) प्रस्ताव को केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार (18 सितंबर 2024) को मंजूरी दे दी। इस बिल को NDA सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में पेश करेगी। भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमिटी ने वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर 14 मार्च, 2024 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंप थी। रिपोर्ट 18 हजार 626 पन्नों की है।
इस रिपोर्ट में पहले चरण में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जाने का सुझाव दिया गया है। इसके बाद 100 दिन के भीतर दूसरे चरण में निकाय चुनाव साथ कराए जाने चाहिए। कमिटी की सिफारिश में कहा गया, ”पूरे देश में सभी चुनावों के लिए सिंगल वोटर लिस्ट होनी चाहिए और सभी के लिए वोटर आईडी कार्ड भी एक ही जैसा होना चाहिए।”
कमेटी ने 18 संवैधानिक बदलावों का सुझाव दिया है। जिनमें से ज्यादातर राज्य विधानसभाओं के मंजूरी की जरूरत नहीं होगी। हालांकि, कुछ संवैधानिक बदलावों के लिए बिलों को संसद में पास कराना आवश्यकता होगा। सिंगल इलेक्टोरल रोल और सिंगल वोटर आईडी कार्ड के लिए आधे से ज्यादा राज्यों की मंजूरी जरूरी होगी।
जानकारी के मुताबिक, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की नेतृत्व वाली कमिटी ने वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर देश की 62 राजनीतिक दलों से कांटेक्ट किया था। जिसमें से उन्हें 32 दलों का सपोर्ट मिला था। इसमें 15 दलों ने इसका सपोर्ट नहीं किया तो वही 15 दलों ने कोई जवाब नहीं दिया।
बता दे, 8 सदस्य की कमेटी 2 सितंबर, 2023 में बनी थी। 23 सितंबर 2023 को वन नेशन वन इलेक्शन कमेटी की पहली मीटिंग हुई थी। इस कमेटी में रामनाथ कोविंद, गृह मंत्री अमित शाह और पूर्व सांसद गुलाम नबी आजाद सहित 8 सदस्य हैं। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल कमेटी के विशेष सदस्य बनाए गए है।