
28 दिसंबर को रतन टाटा (Ratan Tata) की जयंती मनाई जाती है, जो भारत के सबसे प्रिय और सम्मानित व्यक्तित्वों में से एक थे। रतन टाटा का निधन 9 अक्टूबर 2024 को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में 86 वर्ष की आयु में हुआ था।
रतन टाटा, जो एक प्रसिद्ध उद्योगपति और मानवता के दूत थे, ने 1991 से 2012 तक टाटा समूह की अध्यक्षता की। इसके बाद, उन्होंने 2016 में कुछ समय के लिए अंतरिम अध्यक्ष के रूप में भी कार्यभार संभाला। उनका कार्यकाल कई शानदार व्यापारिक समझौतों और विशाल परोपकारी प्रयासों से भरा हुआ था, जिन्होंने टाटा समूह को एक वैश्विक साम्राज्य में बदल दिया।
रतन टाटा के बारे में 10 दिलचस्प तथ्य:
- वैश्विक उपस्थिति का विस्तार
रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा समूह ने वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण विस्तार किया। यह समूह अब 100 से अधिक देशों में कार्यरत है और वित्तीय वर्ष 2023-24 में इसकी कुल आय 165 बिलियन डॉलर थी। - प्रसिद्ध अधिग्रहण
रतन टाटा का सबसे चर्चित अधिग्रहण 2008 में लग्जरी कार निर्माता जगुआर लैंड रोवर था। उन्होंने 2007 में ब्रिटिश स्टील निर्माता कोरस का भी अधिग्रहण किया, जिससे टाटा स्टील दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा स्टील निर्माता बन गया, हालांकि इस डील में कुछ चुनौतियाँ भी आईं। - शिक्षा
रतन टाटा ने कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से 1962 में आर्किटेक्चर में डिग्री प्राप्त की, हालांकि पहले उन्होंने अपने पिता की इच्छाओं के अनुसार मेकैनिकल इंजीनियरिंग में पढ़ाई शुरू की थी। - पहली नौकरी
रतन टाटा ने अपने करियर की शुरुआत लॉस एंजिल्स में जोन्स एंड एम्मन्स नामक आर्किटेक्चर फर्म में की थी, जो प्रसिद्ध आर्किटेक्ट ए. क्विंसी जोन्स की फर्म थी। - बचपन की कठिनाई
रतन टाटा का पालन-पोषण उनकी दादी ने किया, क्योंकि उनके माता-पिता, नवाल और सूनी टाटा का तलाक हो गया था जब वह सिर्फ 10 वर्ष के थे। - आतंकी हमले का सामना
रतन टाटा 2008 में मुम्बई के ताज महल पैलेस होटल में हुए आतंकी हमलों के दौरान टाटा समूह के प्रमुख थे। ताज होटल टाटा समूह का प्रमुख होटल था, जिसे आतंकवादियों ने निशाना बनाया था। - प्रशिक्षित पायलट
रतन टाटा एक प्रशिक्षित पायलट थे और उन्होंने 1960 के दशक में कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में रहते हुए अपना पायलट लाइसेंस प्राप्त किया था। 2007 में 69 वर्ष की आयु में, वह F-16 फाल्कन फाइटर जेट उड़ाने वाले सबसे बुजुर्ग भारतीय बने। - एयर इंडिया का पुनः अधिग्रहण
रतन टाटा का एक महत्वपूर्ण कार्य 2021 में एयर इंडिया का सफल पुनः अधिग्रहण था, जिससे लगभग 90 वर्षों बाद भारतीय विमानन कंपनी को उसके मूल संस्थापक, टाटा समूह को वापस मिला। - परोपकारिता
रतन टाटा अपनी विशाल परोपकारी गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध थे। टाटा समूह की संरचना ऐसी है कि टाटा ट्रस्ट्स, जो कि उनका प्रमुख चैरिटेबल ट्रस्ट है, टाटा संस के 66% शेयरों को नियंत्रित करता है, जो सभी टाटा कंपनियों की मूल होल्डिंग कंपनी है। - व्यक्तिगत जीवन
रतन टाटा ने कभी शादी नहीं की और न ही उनके कोई बच्चे थे। हालांकि, 1960 के दशक में वह एक अमेरिकी महिला, कैरोलिन जोन्स के साथ गंभीर संबंध में थे, लेकिन भारत लौटने के बाद उनका विवाह नहीं हो सका। उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा था, “मैं चार बार शादी के करीब पहुंचा, लेकिन हर बार किसी न किसी कारण से पीछे हट गया।”
रतन टाटा ने न केवल टाटा समूह को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया, बल्कि अपनी व्यक्तिगत जीवनशैली, व्यावसायिक नैतिकता और परोपकारिता के माध्यम से उन्होंने एक आदर्श प्रस्तुत किया, जो भारत और दुनिया भर में प्रेरणा का स्रोत बना।