जैसलमेर / मरुभूमि जंहा गर्मी का डेरा रहना माना जाता है। उसी को ध्यान में रखते हुए केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा मानवियता का संदेश देते हुए भारी खर्च करके ईरान में कोरोनावायरस महामारी से भारतीय नागरिकों को बचाने के उद्देश्य से सीधा जैसलमेर लाने का निर्णय लिया गया।
भारत की सेना के वीर सपूतों को केन्द्रीय सरकार द्वारा दी गई जिम्मेदारी सेना के जवान बखूबी निभा रहे हैं।
उसी के तहत जैसलमेर शहर से छः किलोमीटर दूर स्थित आर्मी स्टेशन पर सेना द्वारा कोरोनावायरस से बचाव हेतु वेलनेस सेंटर कम आइसोलेशन वार्ड बनाये गये हैं जंहा रविवार को ईरान से दो विमानों में 236 भारतीय नागरिकों को परिवार सहित लाया गया तथा 14 दिन के लिए वंहा रखा जाकर उन्हें पूरी सुविधा प्रदान की गई,आर्मी के चिकित्सकों द्वारा सभी 236 भारतीय नागरिकों को सिविल एयरपोर्ट पर चेक करने के बाद ही आर्मी वेलनेस सेंटर में रखा गया है।
भर्ती करने के बाद दो लोगों को वायुसेना के अस्पताल में भर्ती करवाया गया जंहा चेक करने पर कोरोनावायरस नेगेटिव पाया गया है। सेना प्रवक्ता संबित घोष ने बताया कि सोमवार को ईरान से एयर इंडिया के एक हवाई जहाज द्वारा 52 छात्र तथा 1 शिक्षक सहित 53 भारतीय लोगों का दूसरा दल भी जैसलमेर पहुंचा जिन्हें सिविल एयरपोर्ट पर ही चिकित्सकों द्वारा प्रारंभिक जांच करने के पश्चात आर्मी वेलनेस सेंटर में रखा गया है। जिन्हें 14 दिन तक रखा जायेगा।
सेना द्वारा सिविल एयरपोर्ट पर ही सभी 53 लोगों के सामान की भी जांच की गई। सेना द्वारा कोरोनावायरस बचाव की अहम भूमिका निभाये जाने के कार्य में जैसलमेर कलक्टर नमित मेहता का पूर्ण सहयोग मिल रहा है। जैसलमेर कलक्टर नमित मेहता को रविवार को विडियो कान्फ्रेसिंग के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोनावायरस के उपचार हेतु ईरान से आये भारतियों की माकूल व्यवस्था करवाने पर शोभा की।
गहलोत ने जैसलमेर में कोरोनावायरस हेतु फेस मास्क तथा हेंड सेनेटाईजर की कीमतों पर नियंत्रण हेतु मेडिकल स्टोर्स की नियमित जांच करवाएं जाने के मेहता को निर्दैश दिये।
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