भीलवाड़ा. कोरोना से लड़ाई में देश दुनिया में प्रसिद्ध हुये 'भीलवाड़ा मॉडल' के अहम किरदार डॉक्टर मुस्ताक खान को उनके इस काम के लिये नोटिस थमाया गया है. डॉ. खान को नोटिस दिये जाने से डॉक्टर्स जबर्दस्त तरीके से भड़क गये हैं. इंडियन मेडिकल कौंसिल ने इसे कोरोना वॉरियर का हतोत्साहित करने वाला कदम बताते हुए कड़ी नाराजगी व्यक्त की है. आईएएम और ऑल राजस्थान इन सर्विस डॉक्टर्स एसोसियेशन ने नोटिस देने वाले अधिकारी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. खान को थमाई गई नोटिस की प्रति भी सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रही है. दरअसल में कोरोना ने जब प्रदेश में दस्तक दी थी. उस समय यह भीलवाड़ा में बड़ी तेजी से फैला था. यह संक्रमण शहर के एक निजी चिकित्सालय के डॉक्टर और नर्सिंगकर्मियों जरिये फैला था. इसके कारण भीलवाड़ा की तुलना चीन की वुहान सिटी से की जाने लगी थी. उसके बाद भीलवाड़ा जिला प्रशासन ने इसे रोकने के लिये दिन रात मेहनत कर कई सख्त कदम उठाये थे. करीब एक महीने की कड़ी मशक्कत और सख्त नवाचारों के जरिये जिला प्रशासन ने इस पर काबू पाने में सफलता प्राप्त कर ली थी.
यह दीगर बात है बाद में यहां फिर से कोरोना संक्रमण के केस आने लग गये. लेकिन भीलवाड़ा के तत्कालीन जिला कलक्टर राजेंद्र भट्ट और ऊर्जावान चिकित्सकों टीम की बदौलत उनका यह प्रयास देशभर में 'भीलवाड़ा मॉडल' बनकर उभरा था. इस मॉडल को राजस्थान समेत देशभर में सराहा मिली. केन्द्र सरकार समेत विदेशों में भी इस मॉडल की खासा चर्चा रही और इसे अन्य जगहों पर अपनाने पर जोर दिया गया. इस भीलवाड़ा मॉडल की अहम कड़ी रहे थे जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मुस्ताक खान.
डॉ. मुस्ताक खान कोरोना संक्रमण को रोकने के लिये 2000 से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों की अपनी टीम के साथ फील्ड में उतरे थे. उन्होंने इस टीम के माध्यम से भीलवाड़ा जिले की 26 लाख जनसंख्या का चार बार सर्वे करवाकर इस मॉडल को सफल बनाया था. घर-घर सर्वे के लिए भीलवाड़ा के सीएमएचओ डॉ. मुस्ताक खान ने सर्वप्रथम भीलवाड़ा शहर का लक्ष्य लेते हुए 74000 घरों तक पहुंचने के लिए भीलवाड़ा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से स्वास्थ्यकर्मियों को भीलवाड़ा शहर में लगाया था और यही काम अब उनके गले की हड्डी बन गया है.
अब डॉ. मुस्ताक खान को जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोपालराम बिरड़ा ने उनको इसके लिए 24 अगस्त को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 3 दिन में जवाब मांगा. जवाब नहीं देने पर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए कहा गया. इस संबंध में भीलवाड़ा के जिला कलक्टर शिवप्रसाद एम नकाते कहते हैं कि उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है. सीएमएचओ डॉ. मुस्ताक खान एक जिम्मेदार अधिकारी हैं और उनका कार्य शत-प्रतिशत रिजल्ट ऑरियंटेंड रहता है. नोटिस से परेशान डॉ. मुस्ताक खान ने कहा कि उन्होंने शहर में संक्रमण को रोकने के लिये 3 महीने पहले मेहनत की थी. रोटेशन से ग्रामीण क्षेत्रों से स्वास्थ्यकर्मी शहर में लगाए थे.
वहीं जिला परिषद के सीईओ गोपालराम बिरड़ा नोटिस के बारे में कहते हैं कि उसमें लिखा है आप पढ़ लीजिए. सीईओ के इस एक्शन से खफा आईएमए भीलवाड़ा चैप्टर के डॉ. दुष्यंत शर्मा ने कहा कि हम लोग जिला कलक्टर को ज्ञापन देंगे कि इस तरह कोरोना वॉरियर्स को डॉक्टर्स को हतोत्साहित नहीं किया जाए. वहीं ऑल राजस्थान इन सर्विस डॉक्टर्स एसोसियेशन के प्रदेशाध्यक्ष सीकर सीएमएचओ अजय चौधरी ने भी इस पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है.
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