राजस्थान (Rajasthan) के बाड़मेर (Barmer) जिला मुख्यालय स्थित अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश संख्या दो ने पति का बैल्ट से गला दबा कर हत्या के मामले में पत्नी को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास व 5 हजार अर्थ दंड की सजा सुनाई है। सरकारी वकील पूनमचंद चौधरी ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि अशोक कुमार की पत्नी मंजू, अशोक के साथ घर में थी और कमरे के अंदर आपसी विवाद हुआ। विवाद के चलते मंजू ने अपनी पति का बेल्ट से गला दबाकर हत्या कर दी। मृतक अशोक की मां कुंती ने 1 मार्च 2022 को कोतवाली थाने में मामला दर्ज करवाया था।
मृतक अशोक की मां कुंती के मुताबिक बेटे अशोक के सास ससुर व बहू मंजू ने मिलकर अशोक को जान से मारने की धमकी दी और उसके बाद अशोक के सास ससुर वापस चले गए और कुछ ही देर बाद अशोक व मंजू दोनों कमरे के अंदर झगड़ने लग गए। इस दौरान मंजू ने अपने पति अशोक कुमार का बेल्ट से गला दबा दिया। उसके बाद जोर-जोर से चिल्लाने लगी। परिजन जब कमरे के अंदर पहुंचे तो अशोक बेहोशी की हालत में था। अशोक को जिला अस्पताल में भर्ती करवाया तो चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
इसके बाद इस रिपोर्ट पर कोतवाली थाना पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर पूरे मामले की जांच करते हुए आरोप प्रमाणित मानते हुए आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया और इस मामले में अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश संख्या दो में 16 गवाह 24 दस्तावेज 3 आर्टिकल पेश किए। जिस पर न्यायाधीश पियूष चौधरी ने दोनों पक्षो की बहस सुनने के बाद पूरे मामले की सुनवाई करते हुए मंजू पत्नी अशोक को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास व आर्थिक जुर्माना की सजा सुनाई। वही इस पूरे मामले में अपर लोक अभियोजक पूनम सिंह चौधरी ने पैरवी की। जानकारी के अनुसार आरोपी मंजू तीन बच्चों की मां है। सजा के बाद जेल जाते समय आरोपी पत्नी मंजू रो पड़ी।